काबुल: अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. राजधानी काबुल सबसे ज्यादा अशांत बना हुआ है. एक महीने के अंदर काबुल में 2 बड़े रॉकेट हमले किए गए. ज्यादा दिन नहीं हुए जब काबुल एयरपोर्ट पर आतंकी हमला हुआ था, कुछ उसी तरह का मंजर गुरुवार की रात काबुल के आसमान में दिखा.


काबुल के खैरखानेह इलाके में गुरुवार रात 9 बजे के करीब एक-एक कर कई रॉकेट से हमला किया गया. वैसे तो इस हमले में चमतलाह इलेक्ट्रिक सब स्टेशन को निशाना बनाया गया था, लेकिन हमलावरों का निशाना चूक गया. अभी तक इस हमले में हुए जान माल के नुकसान का आंकलन नहीं हुआ है और ना ही किसी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी ली है. ऐसे में रॉकेट हमले को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.


हमले के पीछे IS-खुरासान? 
तालिबानी लड़ाके अनपढ़ हैं, 99 फीसदी लड़ाकों को ना तो टेक्नॉलजी का पता है और ना ही अनुभव है. तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद ऐसी कई तस्वीरें आईं जिन्हें देखकर लग गया कि तालिबान के हाथ में किसी ने उस्तरा थमा दिया है. वैसे ये कोई पहली बार नहीं जब राजधानी काबुल में इस तरह के रॉकेट हमले हुए हों. इससे पहले अफगानिस्तान में काबुल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 26 अगस्त को आतंकी हमला हुआ था. इस हमले में 13 अमेरिकी सैनिक और 100 से ज्यादा लोगों की जान गई थी. उस समय हमले की जिम्मेदारी ISIS-K ने ली थी. 30 अगस्त को दोबारा काबुल एयरपोर्ट पर लगभग पांच रॉकेट दागे गए थे, लेकिन अमेरिकी सेना के मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने उसे हवा में ही ध्वस्त कर दिया था. 


तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के बाद से ही काबुल में बेहद स्थिति तनावपूर्ण है. लोग दहशत में जी रहे हैं. डर है कि बाहर निकले तो तालिबानियों का कहर बरपेगा. घर में रहें तो शायद किसी आतंकी संगठनो के रॉकेट हमले का निशाना बन जाएं.


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