नेशनल असेंबली में नेता प्रतिपक्ष शहबाज शरीफ ने बुधवार को दावा किया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने वर्ष 2019 में सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के कार्यकाल को विस्तार देने में जान-बूझकर देरी की, ताकि प्रक्रिया पर विवाद उठे.
डॉन न्यूज की खबर के मुताबिक, शरीफ ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने हमेशा सेना का सम्मान किया, जबकि सैन्य बलों को निशाना बनाने वाले एक सोशल मीडिया अभियान के पीछे खान के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) का हाथ था.
विपक्ष ने खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है
शहबाज शरीफ की यह टिप्पणी ऐसे समय में सामने आई है, जब इमरान खान वर्ष 2018 में देश की सत्ता संभालने के बाद सबसे कठिन राजनीतिक परीक्षा का सामना करने जा रहे हैं. पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है, जिसे लेकर शुक्रवार को संसद का सत्र बुलाया गया है.
अधिसूचना में तीन बार संशोधन किया गया था- शहबाज शरीफ
खबर के मुताबिक, शरीफ ने कहा कि जब 2019 में प्रधानमंत्री खान ने सेना प्रमुख के कार्यकाल को विस्तार देने का प्रयास किया था, तब अधिसूचना में तीन बार संशोधन किया गया था. हालांकि, शरीफ ने स्वीकार किया कि उनके पास अपने दावे की पुष्टि करने के लिए कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है.
वहीं, पीएम इमरान खान ने आज कहा कि वे किसी भी स्थिति में इस्तीफा नहीं देंगे. उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) अविश्वास प्रस्ताव में विजयी साबित होगी. पत्रकारों से बातचीत में इमरान खान ने कहा कि अगर कोई सोचता है कि वह घर चले जाएंगे, वो वह गलत है.
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