Shani Chandra Grahan 2024 : 18 साल बाद आखिरकार बुधवार रात भारत में शनि चंद्रग्रहण देखा गया. इसके लिए दिल्ली में इंडिया गेट और कोलकाता में व्यवस्था की गई थी. शनि चंद्र ग्रहण देखने के लिए भीड़ जमा हुई. खगोलविद लंबे समय से इसकी प्रतीक्षा कर रहे थे. आखिरकार यह खगोलीय घटना बुधवार (24-25 जुलाई) की रात हुई.  शनि का चंद्रग्रहण तब होता है, जब चंद्रमा शनि के ठीक सामने से गुजरता है. इस दौरान सौरमंडल का छल्ले वाला ग्रह कुछ समय के लिए दिखाई नहीं देता है. इस घटना में शनि का चंद्र ग्रहण तब होता है, जब चांद अपनी ओट में शनि को छिपा लेता है. वैज्ञानिक इसे लूनर ऑकल्टेशन ऑफ सैटर्न भी कहते हैं.भारत में 18 साल बाद इस दुर्लभ नजारे को देखा गया. इससे पहले भारत में शनि चंद्र ग्रहण की घटना 2 फरवरी 2007 को देखी गई थी. 





134 करोड़ किलोमीटर थी दूरी


शनि चंद्र ग्रहण की खगोलीय घटना करीब 18 साल बाद भारत में देखी गई. ग्रहण के वक्त चंद्रमा पृथ्‍वी से लगभग 3,64,994 किलोमीटर दूर था. वहीं, शनि की पृथ्वी से दूरी लगभग 134 करोड़ किलोमीटर थी. दूरी में इतना अंतर होते हुए भी आकाश में इनकी स्थिति देखी गई.


नेपाल और चीन में भी दिखा नजारा
भारत ही नहीं यह घटना विदेशों में भी देखी गई. स्पेस डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के अलावा इसे पूर्वी अफ्रीका और मेडागास्कर, उत्तर-पश्चिम इंडोनेशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया, चीन, मंगोलिया और नेपाल के हिस्सों में देखा गया. शनि का चंद्र ग्रहण का कारण यह है कि जब अपनी गति से चल रहे दोनों ग्रह रास्ता बदलते हैं तो शनि चंद्रमा के पीछे से उगता दिखता है. इसमें सबसे शनि के रिंग नजर आते हैं.वैज्ञानिकों के अनुसार, इस नजारे को केवल आंख से देखा जा सकता था. हालांकि शनि के छल्ले देखने के लिए छोटी दूरबीन का इस्तेमाल करना पड़ा. एक्सपर्ट का कहना है कि आसमान में यही नजारा इसी साल अक्टूबर में फिर से दिखेगा. 14 अक्टूबर की रात एक बार फिर ऐसी घटना होगी. शनि का चंद्रग्रहण आसमान में साफ साफ देखा जा सकेगा.