Shehbaz Sharif Insulted: पाकिस्तान की कंगाली अब पूरी दुनिया में जाहिर हो गई है लेकिन आर्थिक रूप से तबाह पाकिस्तान को अक्ल नहीं आई है. अब भी वो प्रोपगेंडा फैला रहा है. कश्मीर का राग अलाप रहा है. हालांकि एक बार फिर उसका टूलकिट एजेंडा फ्लॉप हो गया है. पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ को मुंह की खानी पड़ी है. उन्होंने पांच जनवरी को कश्मीर को लेकर एक ट्वीट किया था जिसको लेकर पूरी दुनिया में उनकी किरकिरी हो रही है.
दरअसल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के ट्विटर पर 6.5 मिलियन फॉलोअर्स हैं. इसके बाद भी शहबाज के कश्मीर मुद्दे से जुड़े ट्वीट को मात्र 463 रिट्वीट मिले. शहबाज के कश्मीर मुद्दे से जुड़े ट्वीट को मात्र 463 रिट्वीट मिले. 5 जनवरी की सुबह ही निकल गई थी. वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के प्रोपगेंडा ट्वीट की बात करें तो उनके ट्वीट को करीब 2000 रिट्वीट मिले.
बता दें कि ForeignOfficePk ट्विटर हैंडल से कश्मीर मुद्दे पर कई ट्वीट एक के बाद एक किए गए लेकिन लोगों का समर्थन नहीं मिला. इससे साफ हो गया कि कश्मीर को लेकर पाकिस्तान का एजेंडा जनता ने हमेशा की तरह नकीर दिया है.
देश की हालत खराब लेकिन पाक अलाप रहा कश्मीर राग
भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका (Sri Lanka) की हालात साल 2022 के बेहद खराब हो गए थे और पूरा देश कंगाल हो गया था. अब श्रीलंका जैसे हालात देश के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में दिखाई दे रहे हैं. यह तो हम सभी जानते हैं कि पाकिस्तान की इकोनॉमी (Pakistan Economic Crisis) की हालत पिछले कुछ दिनों से बहुत खराब है. ऐसे में देश में बुनियादी चीजों की किल्लत हो रही है.
ऐसे में अब देश में शादी-ब्याह और रोजमर्रा के जीवन में भी खाना बनाने में परेशानी हो रही है. देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है. पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) 8 साल के सबसे निचले स्तर यानी करीब 5.5 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. ऐसे में इस राशि से पाकिस्तान के 3 हफ्ते ही जरूरत की चीजों का आयात कर पाएगा.
गहरे वित्तीय संकट में फंस चुका है पाकिस्तान
पाकिस्तान में श्रीलंका (Sri Lanka Economic Crisis) जैसे हालात बन चुके हैं. देश का विदेशी कर्ज जहां लगातार बढ़ रहा है, वहीं विदेशी मुद्रा (Forex Reserves) में लगातार कमी देखी जा रही है. पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 के मार्च तक देश का कपल विदेशी कर्ज 43 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपये तक पहुंच गया है. इस कर्ज में एक बड़ा हिस्सा इमरान खान के कार्यकाल का है. उन्होंने केवल 3 साल के दौरान कुल 1400 करोड़ पाकिस्तानी रुपये का कर्ज लिया है. इसके साथ ही देश में विदेशी मुद्रा लगभग खत्म होने के कगार पर है.
बचे सिर्फ इतने डॉलर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (State Bank of Pakistan) के पास जनवरी 2022 में कुल 16.6 अरब डॉलर थे जो अब गिरकर केवल 5.6 अरब डॉलर पर पहुंच गए हैं. ऐसे में इसमें करीब 11 अरब डॉलर की कमी दर्ज की गई है. विदेशी मुद्रा की कमी होने के पीछे सबसे बड़ा कारण है विदेशी कर्जों की किस्त का भुगतान करना. कई एक्सपर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान की इकोनॉमी फिलहाल 'गंभीर' स्थिति से गुजर रही है.