Pak-China Relations: शहबाज शरीफ ने पाक-चीन को बताया ‘दो भाई’, कहा- वैश्विक राजनीति में कोई तूफान इस दोस्ती को नहीं तोड़ सकता
Pak-China Relations: शहबाज शरीफ ने कहा कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा में न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि क्षेत्र के अन्य देशों के लिए भी आर्थिक सहयोग और संपर्क के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करता है.
Pak-China Relations: पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान और चीन ‘‘दो भाई’’ हैं जिन्होंने गत वर्षों के दौरान परस्पर मित्रता के सदाबहार वृक्ष का पोषण किया है. शहबाज शरीफ ने यह बात दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 71 वीं वर्षगांठ पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को बधाई देते हुए कही.
शरीफ ने इस अवसर पर अपने संदेश में, दोनों देशों के उन नेताओं और लोगों को भी धन्यवाद कहा, जिन्होंने इस बेजोड़ मित्रता को एक सहकारी रणनीतिक साझेदारी और एक मजबूत बंधन में बदलने का प्रयास किया.
पाकिस्तान के पीएम ने कहा, ‘‘चीन और पाकिस्तान दो भाइयों के नाम हैं. दोनों देशों के नेतृत्व और लोगों ने पिछले 71 वर्षों में मित्रता के इस सदाबहार पेड़ को पोषित किया है.’’ शरीफ ने कहा कि कोई भी अप्रिय घटना, वैश्विक राजनीति में कोई तूफान या ईर्ष्या इस मजबूत बंधन को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकती.
सीपीईसी को लेकर कही यह बात
शरीफ ने कहा कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि क्षेत्र के अन्य देशों के लिए भी आर्थिक सहयोग, गरीबी उन्मूलन और सम्पर्क के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करता है. उन्होंने कहा, ‘‘परियोजना एक प्रतीक और आने वाली पीढ़ियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक गारंटी है.’’ उन्होंने दोनों देशों के इस आर्थिक बंधन, सहयोग और आपसी विश्वास को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने का संकल्प लिया.
सीपीईसी को लेकर भारत जता चुका है विरोध
सीपीईसी महत्वाकांक्षी 60 अरब डॉलर की परियोजना है. यह 3,000 किलोमीटर लंबा गलियारा है जो चीन के उत्तर पश्चिमी शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र और पाकिस्तान के पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह को जोड़ता है. सीपीईसी को लेकर भारत ने चीन के सामने विरोध जताया है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजरता है.
चीन और पाकिस्तान के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 71वीं वर्षगांठ के अवसर पर, चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने अपने नए पाकिस्तानी समकक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी को शनिवार से चीन की यात्रा करने और द्विपक्षीय संबंधों के पूरे पहलू की समीक्षा करने के लिए एक विशेष निमंत्रण दिया.
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