Pakistan Political Crisis: पाकिस्तान में सियासी पारा हाई हो चुका है. एक तरफ जहां प्रधान मंत्री इमरान खान अपनी कुर्सी बचाने और अविश्वास प्रस्ताव में बहुमत साबित करने की जद्दोहजद में जुटे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दल अपनी अलग-अलग रणनीति बना रहे हैं. कुछ दलों ने तो नए पीएम पद के उम्मीदवार को लेकर चर्चा भी शुरू कर दी है. इसी कड़ी में सबसे पहले पाकिस्तान मुस्लिम लीग -नवाज (PML-N) ने अपने पीएम उम्मीदवार की घोषणा कर दी है.
विपक्ष बैठकर करेगा फैसला
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने सोमवार को बताया कि इमरान खान अगर बहुमत नहीं साबित कर पाते और सरकार गिरती है तो पीएमएल-एन के नेता शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री पद के लिए पार्टी के उम्मीदवार होंगे. इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के बाहर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मरियम ने कहा कि, विपक्ष प्रधानमंत्री पद के लिए अगले उम्मीदवार की नियुक्ति पर बैठकर फैसला करेगा, लेकिन पीएमएल-एन शहबाज शरीफ को पीएम के लिए नामित करेगा.
नेशनल असेंबली के सत्र में देरी कानून का उल्लंघन
इमरान खान के खिलाफ पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव के मद्देनजर, विपक्षी दल की नेता मरियम ने कहा कि, नेशनल असेंबली के सत्र में देरी करना संविधान की अवज्ञा करने के समान है और अनुच्छेद 6 को लागू करेगा. उन्होंने कहा कि वह संवैधानिक स्थिति में अदालतों की ओर भी देख रही हैं.
'इमरान खान का गेम ओवर'
मरियम नवाज ने इमरान खान को निशाने पर लेते हुए कहा कि, 'इमरान खान का गेम ओवर हो चुका है. अगर इमरान में जरा भी शर्म बची है तो उन्हें कुर्सी छोड़नी होगी. अब इमरान के हिसाब देने का वक्त है, उन्हें बचाने अब कोई नहीं आएगा'. वह यहीं नहीं रुकीं, उन्होंने कहा कि, 'जिस नवाज शरीफ को आपने कहा कि उसकी सियासत खत्म हो गई, उसी नवाज शरीफ ने आपको घर में घुसकर मारा है. आप कहते हैं कि इंटरनेशनल साजिश हुई है, आप खुद ही इसके लिए काफी हैं. आपकी नालायकी और नासमझी की वजह से सभी मुल्कों को आपने नाराज कर दिया है''.
इमरान खान के लिए आसान नहीं है राह
बता दें कि इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर विचार के लिए नेशनल असेंबली की बैठक शुक्रवार को बुलाई गई है. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के करीब 100 सांसदों ने 8 मार्च को नेशनल असेंबली सचिवालय को अविश्वास प्रस्ताव दिया था. इमरान के खिलाफ विपक्ष एकजुट हो चुका है. 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में अगर इमरान खान के खिलाफ 172 वोट पड़ते हैं तो उनकी कुर्सी चली जाएगी. इमरान खान की पार्टी के सदन में 155 सदस्य हैं और कुर्सी बचाने के लिए उन्हें 172 वोटों की जरूरत होगी.
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