International Criminal Court: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के तीन महीने बाद वहां के राजनीतिक हालात स्थिर नहीं हुए हैं. शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और 61 अन्य के खिलाफ नीदरलैंड स्थित इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (आईसीसी) का रुख किया है. 


'आंदोलन के नाम पर नरसंहार हुआ'


अवामी लीग के नेता और सिलहट के पूर्व मेयर अनवरुज्जमां चौधरी ने वीडियो संदेश जारी कर कहा, "5 से 8 अगस्त तक बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के नाम पर क्रूर नरसंहार हुआ है, जिसमें अवामी लीग के नेता-कार्यकर्ता और इसके विभिन्न सहयोगी, बांग्लादेश में रहने वाले हिंदू, ईसाई, बौद्ध और बांग्लादेश के पुलिस बल को निशाना बनाया गया.इस संबंध में हमने आईसीसी को सभी तथ्य और सबूत सौंप दिए हैं."


800 पन्नों का डॉक्यूमेंट इंटरनेशनल कोर्ट भेजा गया


मोहम्मद यूनुस के अलावा जिन आरोपियों में उनके मंत्रिमंडल के सभी सदस्य और विरोध कर रहे छात्र नेता शामिल हैं. वीडियो संदेश में आवामी लीग के नेता ने बताया कि उन्होंने आईसीसी को किए शिकायत में करीब 800 पन्नों का डॉक्यूमेंट संलग्न किया है. उन्होंने बताया कि जल्द की इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट में 15 हजार और शिकायतें दर्ज कराई जाएगी, जिसकी तैयारी चल रही है. उन्होंने कहा कि इस हिंसा का शिकार व्यक्ति एक-एक करके शिकायत दर्ज कराएंगे.


अवामी लीग को रैली को आयोजित करने की अनुमति नहीं


बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शनिवार (9 नवंबर 2024) को अवामी लीग को फासीवादी करार देते हुए कहा कि वह अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी को रविवार (10 नवंबर 2024) को प्रस्तावित रैली को आयोजित करने की अनुमति नहीं देगी. मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि अंतरिम सरकार देश में किसी भी तरह की हिंसा या कानून व्यवस्था को भंग करने के किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं करेगी.


आलम ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘जो भी व्यक्ति सामूहिक हत्यारे और तानाशाह शेख हसीना से आदेश लेकर रैली, सभा और जुलूस आयोजित करने की कोशिश करेगा, उसे कानून लागू करने वाली एजेंसियों की पूरी सख्ती का सामना करना पड़ेगा.’’


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