Bangladesh Crisis News: पूर्व बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना के ब्रिटेन जाने की योजनाओं को रिपोर्ट्स के मुताबिक धक्का लगा है. दरअसल, ऐसे कई नियम हैं जो उनकी राह का रोड़ा बने हैं. बता दें कि भारत में शरण लेने के बाद शेख हसीना के लंदन जाने की खबर थीं, लेकिन उन्हें खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. 


ब्रिटेन की सरकार का कहना है कि उनके यहां बतौर शरणार्थी रहने के लिए किसी भी व्यक्ति को अपने देश में उत्पीड़न के डर से सुरक्षित रहने में असमर्थ होना चाहिए. इस नियम के बाद अब पूर्व बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना कुछ और दिन भारत में रुक सकती हैं. बता दें कि सोमवार (05 अगस्त) को बांग्लादेश में जारी संकट की वजह से उन्होंने भारत में शरण ली थी. 


शरणार्थियों के लिए क्या है नियम?


शरणार्थियों पर ब्रिटेेन सरकार की स्पष्ट नीति है जिसके मुताबिक शरण मांगने वाले व्यक्ति को इसकी असमर्थता दिखानी होगी कि वो अपने देश के माहौल में सुरक्षित नहीं है. सुरक्षित न होने की वजहों में उत्पीड़न या डर का भी हवाला देने की बात कही गई है. ये भी कहा गया कि उत्पीड़न के कारणों में जाति, धर्म, राष्ट्रीयता, राजनीतिक राय या कोई अन्य वजह भी हो सकती है जो उस व्यक्ति की जान को जोखिम में डाल सकती हो.


ब्रिटेन जाने की क्यों बनाई योजना?


खबर है कि शेख हसीना की बहन शेख रेहाना ब्रिटेन की नागरिक हैं और यही कारण है कि वो ब्रिटेन जाना चाहती हैं. अहम ये है कि शेख रेहाना की बेटी ब्रिटिश सांसद और ट्रेजरी की आर्थिक सचिव भी हैं. इस लिहाज से ब्रिटेने में उन्हें राजनीतिक रूप से मजबूती की उम्मीद दिखी और उन्होंने वहां जाने की योजना बनाई. हालांकि, अब वो किसी और विकल्प की ओर भी देख सकती हैं.


शरण राज्यों पर क्या है नियम?


ब्रिटेन सरकार की एक वेबसाइट के मुताबिक, सुरक्षित और कानूनी रास्ता शरण का दावा करने के लिए उपयुक्त मार्ग नहीं है. यूके सरकार ने ये भी कहा कि शरण लेने वाले व्यक्ति को पहले से ही सुरक्षित देश में होना जरूरी है. एनडीटीवी को ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने जानकारी देते हुए कहा, 'मुसीबत में फंसे लोगों को शरण देने का ब्रिटेन का रिकॉर्ड काफी गौरवपूर्ण है.'


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