बांग्लादेश में भारत की मदद से शेख हसीना की वापसी! एनसीपी नेता ने कई हैरान करने वाले दावे, अब क्या करेंगे मोहम्मद यूनुस?
Bangladesh News: बांग्लादेश में इस समय आम चुनाव को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. इसी बीच एनसीपी नेता हसनत अब्दुल्ला ने कई हैरान करने वाले खुलासे किए हैं.

Bangladesh News: बांग्लादेश में एक बार फिर अस्थिरता बढ़ती नजर आ रही है. ढाका में शेख हसीना के खिलाफ जारी आंदोलन का नेतृत्व कर रहे छात्र नेताओं और बांग्लादेश की सेना के बीच तनाव खुलकर सामने आ गया है. हसीना विरोधी आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नाहिद इस्लाम की नई गठित नेशनल सिटिज़न पार्टी (NCP) के नेताओं ने सैन्य नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग को नए नाम से फिर से लॉन्च करने की आवश्यकता बताई है. ये आरोप ऐसे समय पर सामने आए हैं जब ढाका में सेना की तैनाती बढ़ा दी गई है.
गुरुवार को बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने कहा कि अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने की कोई योजना नहीं है, लेकिन इसके नेतृत्व से जुड़े व्यक्तियों पर मानवता के खिलाफ अपराध के तहत मुकदमा चलाया जाएगा. इसके ठीक एक दिन बाद, शुक्रवार को एनसीपी नेता हसनत अब्दुल्ला ने फेसबुक पोस्ट के जरिए सैन्य नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि अवामी लीग को फिर से स्थापित करने की कोशिश की जा रही है.
सैन्य अधिकारियों के साथ गुप्त बैठक का खुलासा
अपने पोस्ट में अब्दुल्ला ने 11 मार्च को कैंटोनमेंट क्षेत्र में सैन्य अधिकारियों के साथ हुई एक गुप्त बैठक का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि इस बैठक के दौरान उनके और दो अन्य व्यक्तियों के सामने अवामी लीग के सदस्यों साबर हुसैन चौधरी, शिरीन शर्मिन चौधरी और फजले नूर तपोश के नेतृत्व में एक नई अवामी लीग बनाने का प्रस्ताव रखा गया था. अब्दुल्ला ने इसे सेना द्वारा अवामी लीग को फिर से स्थापित करने की स्पष्ट मंशा करार दिया.
भारत पर साजिश का आरोप
अब्दुल्ला ने अपने पोस्ट में अवामी लीग की वापसी को भारत की साजिश बताया. उन्होंने बीते वर्ष जुलाई में शेख हसीना सरकार के खिलाफ हुए आंदोलन का उल्लेख करते हुए कहा, 'आपका शक्तिशाली आंदोलन हमें सेना और एजेंसियों की साजिशों को नाकाम करने में सफल रहा. यदि आप आज फिर हमारे साथ खड़े होते हैं, यदि आप सड़कों पर उतरते हैं, तो हम फिर से अवामी लीग को स्थापित करने की इस भारतीय साजिश को विफल कर देंगे.'
कई दलों को प्रस्ताव भेजे जाने का दावा
हसनत अब्दुल्ला ने यह भी दावा किया कि उन्हें अगले राष्ट्रीय चुनाव के लिए सीट शेयरिंग समझौते के तहत इस प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए कहा गया था. उन्होंने आगे कहा कि कैंटोनमेंट में उन्हें बताया गया कि पहले ही कई राजनीतिक दलों को यह प्रस्ताव दिया जा चुका है और वे कुछ शर्तों के आधार पर अवामी लीग के पुनर्वास के लिए सहमत हो चुके हैं. हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये कौन-से दल हैं और उनसे किसने संपर्क किया.
शेख परिवार से दूरी बनाने की योजना
अब्दुल्ला के अनुसार, उन्हें बताया गया कि अप्रैल-मई से कुछ नेता शेख परिवार के अपराधों को सार्वजनिक रूप से स्वीकार करना शुरू कर देंगे और हसीना से खुद को अलग कर लेंगे. ये नेता सिर्फ बंगबंधु की मूल अवामी लीग के प्रति निष्ठा जताएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने इस प्रस्ताव को तुरंत ठुकरा दिया और मांग की कि अवामी लीग के सदस्यों पर मुकदमा चलाया जाए.
हसनत ने अपनी पोस्ट में जिन नेताओं का नाम लिया, उनमें से पूर्व पर्यावरण मंत्री साबर चौधरी को सभी छह मामलों में जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा कर दिया गया था, जबकि शिरीन चौधरी और फजले नूर तपोश को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है.
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