भारत में शेख हसीना के रुकने का बांग्लादेश के साथ रिश्तों पर क्या पड़ेगा असर? अंतरिम सरकार ने दिया ये जवाब
Bangladesh Crisis: बांग्लादेश में शेख हसीना का तख्तापलट होने के बाद अंतरिम सरकार काम संभाल रही है. वहीं, शेख हसीना ने भारत में शरण ली हुई है.
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Bangladesh Crisis News: पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में तख्तापलट होने के बाद से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत में शरण ले रखी है. उनके देश में रहने को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं, जिसमें भारत-बांग्लादेश के संबंधों को लेकर भी बातें हो रही हैं. मामले पर अंतरिम सरकार के विदेशी सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन का जवाब सामने आया है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने सोमवार (12 अगस्त) को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत में लंबे समय तक रहने से द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान नहीं होगा और देश नई दिल्ली के साथ मजबूत संबंध बनाए रखने का प्रयास करेगा. हुसैन ने यह टिप्पणी इस सवाल के जवाब में की कि अगर हसीना का भारत में प्रवास बढ़ा दिया गया तो क्या भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध प्रभावित होंगे.
‘द्विपक्षी रिश्ते महत्वपूर्ण’
उन्होंने कहा, "यह एक काल्पनिक प्रश्न है. किसी देश में रहने से उस देश के साथ संबंधों पर क्या असर पड़ेगा? ऐसा होने का कोई कारण नहीं है." हुसैन ने कहा कि द्विपक्षीय संबंध आपसी हितों के बारे में हैं और दोस्ती इन हितों पर निर्भर करती है. उन्होंने कहा, "अगर हितों को नुकसान पहुंचाया जाता है तो दोस्ती नहीं चलती." उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि द्विपक्षीय संबंध एक महत्वपूर्ण मामला है.
सलाहकार ने यह भी कहा कि बांग्लादेश और भारत के अपने-अपने हित हैं, जो उनके संबंधों को निर्देशित करते हैं. उन्होंने दोहराया कि वे हमेशा भारत के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने का प्रयास करेंगे. इससे पहले, हुसैन ने भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा सहित ढाका में राजनयिकों को बांग्लादेश की स्थिति के बारे में बताया और उनका समर्थन मांगा.
राजनयिकों से मुलाकात कर हुसैन ने क्या कहा?
हुसैन ने राजनयिकों से कहा कि उनका मानना है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सभी मित्र और साझेदार अंतरिम सरकार और बांग्लादेश के लोगों को समर्थन देना जारी रखेंगे, क्योंकि वे देश के नए भविष्य को आकार देने की दिशा में काम कर रहे हैं.
मुहम्मद युनूस के हाथ में बांग्लादेश की कमान
76 वर्षीय शेख हसीना व्यापक हिंसा के बीच सुरक्षा के डर से एक सैन्य विमान में सवार होकर ढाका से भारत आ गई थीं. वह फिलहाल भारत में एक सुरक्षित स्थान पर हैं. वहीं, नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार चलाई जा रही है. वो बांग्लादेश में हिंसा को रोकने की अपील कर चुके हैं और समय से पहले चुनाव की तैयारियों पर जोर दे रहे हैं.
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