Bangladesh Turmoil: बांग्लादेश में हालिया पनपे तनाव और तेजी से बदले हालात के बाद शेख हसीना ने देश छोड़ दिया और फिलहाल वह दिल्ली में हैं. सोमवार, 5 अगस्त को बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर प्रदर्शनकारी जुटे और सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की.


मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, प्रदर्शन की आड़ में ढाका शहर में बड़े पैमाने पर लूटपाट की घटनाएं सामने आईं. हालात इतने खराब हो गए कि प्रधानमंत्री शेख हसीना को आनन-फानन में प्रधानमंत्री आवास छोड़ना पड़ा और भारत आना पड़ा.


कुछ महीने पहले बड़े अंतर से सत्ता पर काबिज होने वाली शेख हसीना की देश के हालातों पर पकड़ इतनी ढीली हो जाएगी, इसका किसी को अंदाजा नहीं था. हालांकि शेख हसीना का इसकी भनक कुछ रोज पहले लग चुकी थी. 


शेख हसीना को थी जान के खतरे की आशंका


31 जुलाई को बांग्लादेश में भारत के राजदूत प्रणय वर्मा ने प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात की. सूत्रों के मुताबिक, उस वक्त हसीना ने प्रणय को अपनी जान के खतरे के बारे में बताया था. इस बातचीत में हसीना ने दावा किया कि विरोधी ताकतें कैसे PM हाउस पर हमला कर उन्हें मारने की प्लानिंग कर रही हैं. इसके बाद प्रणय वर्मा ने ये जानकारी नई दिल्ली के साथ साझा की.


शेख हसीना ने भारत से की थी मदद की अपील!


बांग्लादेश में हुई इस उठापठक से पहले ही तीन दिनों का पब्लिक हॉलिडे अनाउंस कर दिया गया था. सेना को स्थिति संभालने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. आर्मी चीफ वकार-उज-जमान हाल ही में नियुक्त किए गए हैं. माना जाता है कि आर्मी चीफ बांग्लादेश में प्रधानमंत्री के करीबी न होते तो इस तरह के पद पर नहीं बैठ सकते थे.


हसीना सरकार के सोर्सेज के मुताबिक, मौजूदा आर्मी चीफ के नई दिल्ली से भी अच्छे संबंध हैं. सोर्सेज के मुताबिक, हसीना ने भारत सरकार से मदद की अपील की थी, लेकिन सरकार इस मामले में सीधे दखल देकर किसी विवाद में नहीं पड़ना चाहती थी. इसलिए विदेश मंत्रालय ने उन्हें भारत आने की सलाह दी. आंदोलनकारियों के जुलूस के PM हाउस की ओर निकलने के बाद शेख हसीना ने देश छोड़ दिया.


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