यूएई की लापता राजकुमारी की कहानी किसी परिकथा से कम नहीं है. उनके लापता होने से जुड़ी जानकारी में गवाहों का कहना था कि उन्होंने देखा है कि कमांडोज़ ने राजकुमारी को एक यॉट (एक तरह की नाव) से कैद कर लिया था. कमांडोज़ ने ये कार्रवाई तब की थी जब राजकुमारी अपना घर छोड़कर भाग गई थीं. बताया जाता है कि शेखा लतीफा बिन मोहम्मद अल-मखतूम ने अपने भागने की योजना सात साल की मेहनत से बनाई थी. लतीफा के दोस्त बताते हैं कि उन्होंने भागने के लिए एक निर्देशित कैद तक मज़ूर कर ली थी.



शेखा लतीफा बिन मोहम्मद अल-मखतूम दुबई के शासक और प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम की बेटी हैं.

गवाहों के मुताबिक 32 साल की लतीफा को मार्च के शुरुआत में भारत के तट से लगभग 30 मील दूर कमाडोज़ ने पकड़ लिया था, तब से उन्हें न देखा गया है ना उनके बारे में सुना गया है. बीबीसी डॉक्यूमेंट्री एस्केप फ्रॉम दुबई में पहली बार उनके भागने की विस्तृत योजना की तैयारी को सबके सामने लाया गया है. ये फ्रांस के पूर्व जासूस और फिनलैंड के कैपोइरा शिक्षक के इंटरव्यू के जरिए सामने आया है, जो कहते हैं कि उन्होंने इसकी योजना बनाने में राजकुमारी की मदद की. इसमें फिलिपिंस के एक चालक दल के शामिल होने की भी बात है जिसने उन्हें नाव के सहारे भगाने में मदद की.


लतीफा, दुबई के शेख की दूसरी बेटी हैं जिन्होंने विलासिता वाले कैद जैसे जीवन से भागने की कोशिश की है और पकड़े जाने के बाद से नज़र नहीं आई हैं. सन् 2000 में परिवार के सरे स्थित प्रॉपर्टी से भागने के बाद लतीफा की बड़ी बहन शमा को केम्ब्रिज की सड़कों पर कैद कर लिया गया था, जो कि अपहरण का सीधा मामला था लेकिन पुलिस ने कभी भी पूरी तरह से इसकी जांच नहीं की. लतीफा ने भागने से पहले ख़ुद एक वीडियो में कहा था कि उन्होंने पहले भी संयुक्त अरब अमीरात छोड़ने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें बॉर्डर पर कैद कर लिया गया, तीन साल तक जेल में रखकर पीटा गया और यातना दी गई. वो अनुभव और उसकी बहन की आपबीती का मतलब था कि अपनी आजादी के दूसरे प्रयास की योजना बनाने में वो काफी सावधान थी.


वो पहले फ्रांस के व्यवसायी और 2011 में पूर्व नौसेना अधिकारी हर्वे जुबर्ट के पास पहुंचीं, क्योंकि उन्होंने ऑनलाइन पढ़ा था कि कुछ साल पहले वो अधिकारियों के साथ मुश्किल में पड़ने के बाद दुबई से बच निकले थे. उन्होंने पढ़ा था कि अधिकारी स्कूबा डाइविंग की मदद से एक बोट तक पहुंचा और फिर भारत भाग आया. जब हार्वे को लतीफा का पहला मेल मिला तो उन्हे शक हुआ. हार्वे ने बीबीसी से कहा, "देखिए, आप कह रही हैं कि आप दुबई के शासक की बेटी हैं और ये एक षडयंत्र हो सकता है. मैं इस बात की पुष्टी करना चाहता हूं कि आप सच बोल रही हैं." अंत में पहचान साबित हो गई और लंबे समय तक दोनों ने दो या तीन दिनों में एक-दूसरे को लिखते रहे. हालांकि, 2018 तक वो मिल नहीं सके.


उनके बीच कई तरह की बातें होतीं. लतीफा बतातीं की उन्होंने भागने में मदद करने वाले को देने के लिए 2,87,18,000 रुपए का इंतज़ाम कर लिया है, तो अक्सर कैद में बंद एक राजशाही जीवन पर भी बात होती. हार्वे द्वारा जारी किए गए एक मेल में लतीफा कहती हैं, "मुझे हमेशा दुर्व्यवहार और दमन का सामना करना पड़ा. यहां औरतों को दोयम दर्जे का समझा जाता है. मेरे पिता अब वो नहीं कर सकते जो वो करते आए हैं." इसके बाद लतीफा ने तिआन जौहिएनन से स्कूबा डाइविंग और ब्राज़िलियन मार्शल आर्ट सीखा. तिआन और लतीफा काफी अच्छे दोस्त बन गए.


भागने की शुरुआत तब हुई जब दोनों सुबह के नाश्ते के लिए मिले. दोनों ने इस तरह से कई दिनों तक साथ नाश्ता किया था ताकि बॉडीगार्डों को शक मत हो. फिर लतीफा ने अपने कपड़े और चश्मा बदला और दोनों ओमान के बॉर्डर की ओर चल निकले. 26 मील का मुश्किल सफर उन्होंने बोट और जेट स्की में तय किया और सफर के बीच में जुबर्ट एक यॉट में उनका इंतज़ार कर रहे थे. किसी अनहोनी से बचने के लिए उन्होंने अपनी यॉट पर अमेरिका का झंडा लगा लिया था और तय किया था कि गोवा में पहला पड़ाव डालेंगे. उन्हें इस बात का डर था कि कौन सा ख़तरा उनका पीछा कर रहा है.


उन्होंने एक वीडिया बनाया था जिसे उनके भागने के प्रयास के असफल हो जाने पर जारी किया जाना था. इसमें उन्होंने कहा था कि अगर वो पकड़ी गईं तो उन्हें बेहद कठोर सज़ा का सामना करना पड़ेगा. इसमें उन्होंने कहा है, "अगर आप ये वीडियो देख रहे हैं तो ये अच्छा नहीं है क्योंकि या तो मुझे मार दिया गया है या मैं भयानक स्थिति में हूं." वीडियों में लतीफा ने ये भी कहा कि जब उनकी बहन को पकड़ा गया था तो उन्हें एक मेडिकल जेल में बद कर दिया गया था जिसमें वो चौबीस घंटे नर्सों की निगरानी में रहती थीं. उनकी बहन को देखकर उन्हें उनकी किस्मत का पता था. बोट से लतीफा ने परिवार को संदेश भेजा, एक कार्यकर्ताओं के समूह से संपर्क किया और मीडिया से भी संपर्क साधा. उनकी गलती ये थी कि उन्हें लगता था कि ऐसा करने से उन्हें मदद मिलेगी.


उन्हें मदद के बजाए शक से भरे लोग मिले क्योंकि उनकी कहानी ऐसी थी जिस पर आम लोग तो दूर पत्रकारों तक के लिए यकीन करना मुश्किल था. सबको लगा कि ये किसी तरह का धोखा है. बीबीसी को बताया गया कि कुछ दिनों बाद उनके बोट पर छापा पड़ा और लतीफा को कैद में ले लिया गया. तब से लतीफा को किसी ने नहीं देखा है. उनके दोस्तों का कहना है कि उन्होंने उन्हें नहीं देखा है और उनका इंस्टाग्राम अकाउंट बंद कर दिया गया है. शेख मोहम्मद ने मामले पर अभी तक कोई बयान नहीं दिया है. ब्रिटिश मीडिया द गार्डियन के शाही परिवार के करीबी एक सोर्स ने बयान दिया है कि लतीफा "अपने परिवार के साथ" हैं और "बेहद ख़ुश" हैं.