Pakistan Crisis: पाकिस्तान 76 साल के सबसे बड़े आर्थिक संकट (Economic Crisis) से जूझ रहा है. पाकिस्तान में अगले 4 दिन बेहद अहम माने जा रहे हैं. विदेशी मुद्रा भंडार की कमी के चलते पाकिस्तान ने अपनी अर्थव्यवस्था को बचाए रखने के लिए इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (International Monetary Fund) आईएमएफ से कर्ज मांगा है. वहीं, आईएमएफ जल्द अपनी शर्तों की फाइनल लिस्ट पाकिस्तान के साथ शेयर कर सकता है.


फाइनल लिस्ट से पहले IMF की एक शर्त से पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है. IMF ने पाकिस्तान के शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) की सरकार से ग्रेड 17 और इससे ऊपर के जितने भी सरकारी अफसर हैं उनकी और उनके परिवार के सदस्यों की संपत्ति को साझा करने को कहा है. यानी करप्ट अफसरों पर IMF का ये बड़ा एकशन होगा.


9 फरवरी तक साफ होगी असल तस्वीर


वहीं, पाकिस्तान सरकार के सामने अगर करप्शन पर एक्शन हुआ तो सेना से लेकर सरकार तक सबके असल चेहरे सामने आ जाएंगे. फिलहाल IMF और पाकिस्तानी सरकार में पॉलिसी नेगोसिएशन (Policy Negotiation) चल रहा है जिसकी फाइनल तस्वीर 9 फरवरी तारीख को साफ हो सकती है.


130 अरब डॉलर का कर्च पाकिस्तान पर


दरअसल, पाकिस्तान के खजाने में केवल 7 दिन के गुज़ारे लायक डॉलर बचे हैं. इस बीच IMF की शर्तों की राह पाकिस्तान के लिए चुनौती बन गई है. पाकिस्तान पर करीब 130 अरब डॉलर का कर्च चढ़ा हुआ है. इसमें चीन और साऊदी अरब का दिया कर्ज भी शामिल है. पाकिस्तान का विदेश मुद्रा भंडार 3.09 अरब डॉलर पर है. चीन का करीब 30 अरब डॉलर कर्ज है. वहीं, देश में महंगाई दर पिछले 48 सालों में सर्वोच्च स्तर पर जा पहुंची है. शहबाज शरीफ के सामने कर्ज को चुकाने के साथ जनता को भूख से मरने से बचाने की भी चुनौती है. पाकिस्तान में हाल इस कदर बना हुआ है कि आटा, चावल, दाल समेत सभी जरूरी सामान खत्म होने की कगार पर है. 


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