Kasmir Rejects Pakistan: पाकिस्तान आज आर्थिक बदहाली का सामना कर रहा है. ऐसे हालात में भी वो कश्मीर राग अलाप रहा है. हालांकि वक्त वक्त पर कश्मीरियों ने पाकिस्तान को नकारा है. शहबाज शरीफ कश्मीर पर बेशक अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग करते रहे हों लेकिन कश्मीर के ही लोग पाकिस्तान को नकारते रहे हैं. 


आज से 13 साल पहले यानी 2009 में लंदन के किंग्स कॉलेज के एक विद्वान रॉबर्ट ब्रैडॉक ने एक सर्वे में दावा किया था कि कश्मीर के लोग पाकिस्तान के साथ नहीं रहना चाहते हैं. सितंबर-अक्टूबर 2009 में कश्मीर के दोनों हिस्सों में रॉबर्ट ब्रैडॉक ने कुल 3,774 लोगों का साक्षात्कार किया था. उनके सर्वे के मुताबित, भारतीय कश्मीर में 43% की तुलना में पाकिस्तानी पक्ष के 44% लोगों ने स्वतंत्रता का समर्थन किया था. 


ब्रैडॉक ने सर्वेक्षण पर 37-पृष्ठ की रिपोर्ट पेश की थी. इसमें  कहा है कि जम्मू और कश्मीर और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर दोनों में किए गए एक सर्वेक्षण में भारतीय कश्मीर के केवल 2% लोगों ने पाकिस्तान में शामिल होने की बात कही. 


आपको बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए हटा दिया. तभी से पाकिस्तान को मिर्ची लगी हुई है और वो कश्मीर को लेकर लगातार दुष्प्रचार करने में लगा हुआ है. मोदी सरकार के इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर धीरे-धीरे आतंक मुक्त प्रदेश की ओर आगे बढ़ रहा है. यही पाकिस्तान को रास नहीं आ रहा है.


शहबाज शरीफ ने हाल ही में अलापा था कश्मीर राग


पाकिस्तान कंगाल है, देश की आवाम के पास खाने को रोटी नहीं लेकिन पीएम शहबाज शरीफ देश की जनता को मदद पहुंचाने की जगह कश्मीर राग अलाप रहे हैं. पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ जिनसे अपना मुल्क नहीं संभल रहा उन्होंने हाल ही में कहा है कि जब तक कश्मीरी संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के तहत आत्म निर्णय के अधिकार को प्राप्त नहीं कर लेते तब तक उनका देश उन्हें कूटनीतिक, राजनीतिक और नैतिक समर्थन देना जारी रखेगा.


शहबाज शरीफ ने कश्मीर पर यह बेतूका बयान पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की विधानसभा के विशेष सत्र में दिया. उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा जम्मू-कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान पर जोर दिया है. वो समाधान  संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के तहत चाहता है.


जहां एक तरफ पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ कश्मीर राग अलाप  रहे हैं तो वहीं गिलगित बाल्तिस्तान के लोग लगातार पाकिस्तान सरकार के खिलाफ ही प्रदर्शन कर रहे हैं और पूरे PoK को भारत में मिलाने की बात कह रहे हैं. पाकिस्तान के हुक्मरानों के खिलाफ गिलगित बाल्तिस्तान से लेकर बलूचिस्तान तक लोगों में आक्रोश है.