Pakistan Medicine Crisis: पाकिस्तान फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (PPMA) ने सरकार से मांग की है कि 40 प्रकार की दवाओं की कमी को देखते हुए कच्चे माल पर टैक्स समाप्त किया जाए. पीपीएमए के मुताबिक जिन दवाओं की कमी है उनमें जीवन रक्षक दवाएं भी शामिल हैं. एसोसिएशन का दावा है कि अगर उनका अनुरोध स्वीकार नहीं किया गया तो 100 और दवाओं की कमी हो सकती है.


पीपीएमए के अध्यक्ष काजी मंसूर दिलावर ने शुक्रवार को संसद भवन में संघीय मंत्रियों के साथ बैठक के दौरान कहा, "हमारे कच्चे माल पर कर समाप्त करें." उन्होंने मंत्रियों को दवा उद्योग के सामने आने वाली कठिनाइयों से अवगत कराया. उन्होंने कहा, "कच्चे माल की कीमतें तीन गुना से अधिक हो गई हैं."


दिलावर ने सरकार से कच्चे माल के आयात पर बिक्री कर के रूप में एकत्र किए गए 48 बिलियन रुपये वापस करने, कच्चे माल के आयात पर 17% बिक्री कर वापस लेने और दवा उद्योग के पतन को रोकने के लिए दवाओं की कीमतों में 25% तक की वृद्धि करने का आग्रह किया.


'कच्चे माल के आयात के लिए और संसाधन नहीं'
दिलावर ने कहा, "बिक्री कर लगाया गया था और इस संबंध में वापस करने का वादा किया गया था ... दोनों सरकारों ने अब तक हमारे 48 अरब रुपये का रिफंड एकत्र किया है जिसे सरकार वापस देने के लिए तैयार नहीं है जिसके कारण उनके पास कच्चे माल के आयात के लिए और संसाधन नहीं हैं."


पीपीएमए के अध्यक्ष ने कहा कि दवा उद्योग पिछले छह महीनों से गंभीर संकट से जूझ रहा है लेकिन सरकार लगातार गंभीरता की कमी दिखा रही है. उन्होंने कहा, “गैस, बिजली और पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ती कीमतों और जनशक्ति मजदूरी के कारण उत्पादन लागत में 45% की वृद्धि हुई है.” वित्त मंत्री मिफ्ताह ने पीएमएमए अध्यक्ष को आश्वासन दिया कि उन्हें एफबीआर से जारी 48 अरब रुपये का रिफंड मिलेगा.


सोमवार को फिर होगी बैठक 
फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के चेयरमैन असीम अहमद ने दावा किया कि पिछले एक सप्ताह में चार करोड़ रुपये का रिफंड दिया गया है. अहमद ने दवा कंपनियों पर कच्चे माल को टैक्स फ्री खरीदकर बाजार में बेचने का आरोप लगाया. मिफ्ताह ने दिलावर से पूछा कि क्या वे कच्चा माल कर मुक्त बेच रहे हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि वे सभी मुद्दों को सुलझाने के लिए सोमवार को फिर से बैठक करेंगे.


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