क्या भारत को पाकिस्तान से फिर से बातचीत शुरू करनी चाहिए? सर्वे में इंडियंस के जवाब सुन चौंक जाएंगे आप
India Pakistan Survey: आइए आपको बताते हैं कि कितने प्रतिशत लोगों ने सर्वे में कहा है कि भारत को एक बार फिर पाकिस्तान से बातचीत करनी चाहिए.
India Pakistan Relation: आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ पूरी दुनिया से मदद की गुहार लगा रहे हैं. पाकिस्तान इन दिनों आर्थिक-राजनीतिक संकट और आतंकवाद से जूझ रहा है. पाकिस्तान के पीएम देश की बदहाली को देखते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत की गुहार तक लगा चुके हैं. उन्होंने दोनों देशों के बीच बातचीत कराने के लिए UAE को कहा है. हालांकि शहबाज के इस बयान के बाद वो अपने ही देश में घिर गए हैं.
शहबाज शरीफ के बयान के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या पीएम मोदी और शहबाज में बातचीत होगी? क्या आतंकवाद फैलाने वाले पाकिस्तान के साथ इंडिया को बात करनी चाहिए. इसको लेकर हाल ही में एक सर्वे किया गया. इंडिया टूडे सी वोटर के सर्वे में लोगों से पूछा गया कि क्या भारत को पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू करनी चाहिए. आइए देखें इस सर्वे में कितने प्रतिशत भारतीयों ने कहा कि ऐसा होना चाहिए और कितनों ने कहा नहीं...
ताजा सर्वे में 35 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि हां भारत को पाकिस्तान से बातचीत करनी चाहिए. वहीं 53 फीसदी लोगों का मानना है कि पाकिस्तान से भारत को बातचीत नहीं करनी चाहिए. 12 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि इस सवाल पर कुछ कह नही सकते हैं.
क्या भारत नहीं देगा संभलने का मौका?
दोनों मुल्कों के बीच बातचीत की बात तो हो रही है साथ ही प्रोफेसर मुक्तदर खान का कहना है कि इस वक्त दोनों मुल्क़ों में युद्ध होगा तो भारत पाकिस्तान को संभलने का मौका भी नहीं देगा.
मुक्तदर खान ने कहा कि पाकिस्तान अगर उकसाता है तो भारत उसे संभलने का मौका नहीं देगा. पाकिस्तान को चाहिए कि वो अब भारत को न उकसाए क्योंकि इंडिया काफी ताकतवर हो चुका है. इस वक्त अगर छेड़छाड़ की गई तो पीओके इंडिया में आ सकता है. उन्होंने ये भी कहा कि पाकिस्तान की आर्मी (Pakistan Army) में इमरान खान की वजह से दरार आ गई हैं. सेना में आतंरिक कलह बहुत अधिक है.
पाक सेना के सामने कई चुनौतियां
डेलावेयर यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर मुक्तदर खान ने ये भी कहा कि पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर (General Asim Munir) के सामने कई चुनौतियों से निपटने की जरूरत है. उन्हें इमरान खान के समर्थकों से डील करना होगा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की आर्मी को अपने विभाग के अलावा सरकार से भी डील करना पड़ता है. इसके अलावा टीटीपी (TTP) से भी पाकिस्तान को कड़ी चुनौती मिल रही है.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) में कोई विजनरी लीडर नजर नहीं आ रहा है. इमरान भी मानते हैं कि उनकी पॉपुलैरिटी क्षणिक है, इसलिए वो तुरंत चुनाव चाहते हैं ताकि वो इसे भुना सकें.