सिंगापुर: सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सिएन लूंग की पीपुल्स एक्शन पार्टी (पीएपी) एक बार फिर सत्ता में लौट आयी है. शुक्रवार को हुए आम चुनावों में 93 में से 83 सीटों पर शानदार जीत दर्ज की जबकि विपक्ष को मामूली बढ़त मिली. ली आंग मो कियो के अपने ग्रुप रिप्रेसेंटेशन कॉन्स्टीट्यूएंसी (जीआरसी) से पुन: निर्वाचित हुए. उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री हेंग स्वी कीट भी दोबारा निर्वाचित हुए.


भारतीय मूल के नेता प्रीतम सिंह के नेतृत्व वाली विपक्षी वर्कर्स पार्टी ने सेंगकांग की जीआरसी समेत 10 सीटों पर जीत दर्ज की. सेंगकांग जीआरसी में उसने प्रधानमंत्री कार्यालय में मंत्री एन ची मेंग के नेतृत्व वाली पीएपी टीम को हराया. वर्कर्स पार्टी को 2015 के आम चुनावों में छह सीटें मिली थी.


93 सीटों पर 192 उम्मीदवार
करीब 26.5 लाख सिंगापुर वासियों ने चेहरे पर मास्क और हाथों में दस्ताने पहने हुए मतदान किया. संसद की 93 सीटों के लिए 192 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे. पीएपी ने आजादी के बाद से ही पूर्ण बहुमत के साथ सिंगापुर में शासन किया है. कोविड-19 की अभूतपूर्व चुनौती के बीच पीएपी समेत 11 राजनीतिक दलों ने नौ दिनों तक प्रचार किया.


वैश्विक महामारी के कारण मतदान को सुरक्षित बनाने की कवायद में मतदान केंद्रों की संख्या 880 से बढ़ाकर 1,100 कर दी गई. प्रधानमंत्री ली ने पिछले महीने तय समय से 10 महीने पहले आम चुनाव कराने का आह्वान किया था. ली की पीएपी 1950 के बाद से हर चुनाव जीती है. सत्तारूढ़ पीएपी एकमात्र पार्टी है जिसने सभी 93 सीटों पर उम्मीदवार उतारे. सितंबर 2015 के आखिरी चुनावों में पीएपी ने 89 सीटों पर चुनाव लड़ा और उनमें से 83 पर जीत दर्ज की.


देश के तीसरे प्रधानमंत्री ली ने 2004 के बाद से सरकार का नेतृत्व किया है. उनके पिता ली कुआन येव सिंगापुर के पहले प्रधानमंत्री थे.


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