Sri Mariamman Temple Ceremony: सिंगापुर (Singapore) में रविवार (12 फरवरी) को सबसे पुराने हिंदू मंदिर के जीर्णोद्धार और अभिषेक का आयोजन किया गया. इस दौरान भारी बारिश भी हो रही थी, लेकिन लगभग 20 हजार लोग मंदिर के जीर्णोद्धार में शामिल हुए. इस मौके पर देश के उप प्रधान मंत्री लॉरेंस वोंग भी मौजूद रहे. इस हिंदू मंदिर को लगभग 200 साल पहले आने वाले भारतीयों ने बनवाया था.
श्री मरिअम्मन मंदिर (Sri Mariamman hindu Temple ) देश में एक राष्ट्रीय स्मारक के तौर पर जाना जाता है, जिसे एक साल के लंबे वक्त के बाद रविवार (12 फरवरी) को आम जनता के लिए फिर से खोला गया. इसको दोबारा रेनोवेट करने में लगभग 3.5 मिलियन सिंगापुर डॉलर (21 करोड़) का खर्च आया. इसको बनाने के लिए भारत के 12 विशेषज्ञ मूर्तिकार और सात धातु और लकड़ी के कारीगर शामिल थे, जिन्होंने गर्भगृह, गुंबदों और छत के भित्तिचित्रों पर काम किया. मंदिर के मूल रंग और संरचना को बरकरार रखा गया है.
20 हजार लोगों के उत्साह में कमी नहीं
सिंगापुर के उप प्रधान मंत्री लॉरेंस वोंग ने रविवार को फेसबुक पर एक पोस्ट भी लिखा. उन्होंने लिखा कि ये बहुसांस्कृतिक सिंगापुर का हिस्सा है, जहां पूरा समुदाय एक दूसरे के सांस्कृतिक और धार्मिक त्योहार को मनाने के लिए आता है. ये किसी माइल स्टोन से कम नहीं है. उन्होंने कहा कि सुबह हो रही बारिश ने भी 20 हजार लोगों के उत्साह को कम नहीं किया. मुझे समारोह में हिस्सा लेकर बहुत खुशी हुई है. वहीं मंदिर के रेनोवेशन करने का नेतृत्व मूर्तिकार डॉ. के दक्षिणामूर्ति ने किया, जो तमिलनाडु के हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ दान के बहाली सलाहकार भी हैं.
मंदिर स्थानीय समुदाय का अभिन्न अंग
सिंगापुर के उप प्रधान मंत्री लॉरेंस वोंग रविवार (12 फरवरी) को सुबह-सुबह समारोह में संचार और सूचना मंत्री जोसफीन टेओ, परिवहन मंत्री एस ईश्वरन और सांसद मुरली पिल्लई के साथ-साथ दक्षिण भारत के प्रवासी श्रमिकों के साथ शामिल हुए.प्रवासी श्रमिकों को वीडियो कॉल की मदद से विदेशों में अपने परिवारों के साथ अनुभव शेयर किया. 40 वर्षीय प्रवासी कार्यकर्ता जगदीश राममूर्ति ने कहा कि मंत्री ने भीड़ नियंत्रण की सराहना की. अन्य धर्मों के धार्मिक नेताओं की उपस्थिति को ध्यान में रखते हुए टियो ने कहा, "यह बहुत स्पष्ट रूप से बहुनस्लीय, बहुसांस्कृतिक और बहु-धार्मिक सद्भाव को दिखाने की कोशिश करता है, जिसे हम बनाए रखने में सक्षम हैं. उन्होंने कहा कि मंदिर स्थानीय समुदाय का अभिन्न अंग बन गया है.