(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Sitrang Cyclone: बांग्लादेश में तट के करीब पहुंचा चक्रवात 'सितरंग', 2.19 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया
Sitrang Cyclone News: बांग्लादेश के दक्षिण-पश्चिमी तटीय जिलों में पहले से ही चक्रवात का प्रभाव दिखाई देने लगा है जबकि ढाका सहित देश के अधिकांश हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है.
Bangladesh Sitrang Cyclone Update: बांग्लादेश में सोमवार को 2.19 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया क्योंकि चक्रवात सितरंग (Sitrang) देश के दक्षिण-पश्चिमी तट के करीब पहुंच गया है. आधी रात के करीब इसके दस्तक देने की संभावना है. यह जानकारी आपदा प्रबंधन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी. आपदा प्रबंधन मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद मोनिरुज्जमां ने कहा कि बांग्लादेशी अधिकारियों ने 6,925 आश्रय केंद्रों को तैयार रखा है, जहां चक्रवात के खतरों से प्रभावित व्यक्ति शरण ले सकेंगे.
मोनिरुज्जमां ने पीटीआई-भाषा को बताया, "सोमवार शाम पांच बजे तक कम से कम 219,990 लोगों को 15 तटीय जिलों के चक्रवात केंद्रों में ले जाया गया है." मोनिरुज्जमां की ये टिप्पणी ऐसे समय आई है जब दक्षिण-पश्चिमी तटीय जिलों में पहले से ही चक्रवात का प्रभाव दिखाई देने लगा है जबकि ढाका सहित देश के अधिकांश हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है.
हवा की गति 80 से 90 किलोमीटर प्रति घंटा
इस बीच, मौसम कार्यालय ने कहा कि चक्रवात आगे बढ़ गया है और यह पायरा बंदरगाह से 170 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपश्चिम में, मोंगला बंदरगाह से 220 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपश्चिम में, चटगांव से 275 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में और कॉक्स बाजार बंदरगाह से 240 किलोमीटर दूर है. मौसम विज्ञानी मोनवर हुसैन ने कहा, "चक्रवात अपनी पिछली गति की तुलना में समुद्र तट की ओर तेजी से बढ़ रहा है तथा हवा की गति 80 से 90 किलोमीटर प्रति घंटा है. चक्रवात सोमवार मध्यरात्रि तक बरिशल क्षेत्र में समुद्र तट से टकरा सकता है."
कहां सबसे ज्यादा नुकसान की आशंका?
मौसम विभाग ने सोमवार शाम को जारी अपने ताजा निर्देश में पायरा, मोंगला और चटगांव के बंदरगाहों को खतरे का संकेत देने के लिए कहा और कॉक्स बाजार बंदरगाह को 10 के पैमाने पर खतरे के संकेत संख्या 6 को बनाए रखने की सलाह दी. मौसम कार्यालय ने चेतावनी दी कि दक्षिण-पश्चिमी पतुआखाली, भोला, बरगुना और झलकाथी को तूफान (Sitrang Cyclone) से सबसे ज्यादा नुकसान होने की आशंका है, जबकि रेड क्रिसेंट सोसाइटी ने सरकारी एजेंसियों के साथ हजारों स्वयंसेवकों को जुटाया है.
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