कंबोडिया में अब तक 39 से ज्यादा बारूदी सुरंगें खोज चुका है यह अफ्रीकी चूहा, यूके की संस्था ने दिया वीरता पुरस्कार
मगावा को यूके की प्रमुख वैटरनरी चैरिटी में से एक पीपुल्स डिस्पेंसरी फॉर सिक एनिमल्स (पीडीएसए) ने शुक्रवार को वीरता पुरस्कार के तौर पर गोल्ड मेडल दिया है.
दुनियाभर में एक अफ्रीकी चूहा ‘मगावा’ चर्चा का विषय बना हुआ है. मगावा एक अफ्रीकन जायंट पाउच्ड रैट है, जो सिर्फ 8 साल का है. मगावा इन दिनों कंबोडिया में लैंडमाइन तलाशने के काम में जुटा है.
मगावा को यूके की प्रमुख वैटरनरी चैरिटी में से एक पीपुल्स डिस्पेंसरी फॉर सिक एनिमल्स (पीडीएसए) ने शुक्रवार को वीरता पुरस्कार के तौर पर गोल्ड मेडल दिया है. यह गोल्ड मेडल उन पशुओं को दिया जाता है जो लोगों की जान बचाते हैं. अगर मगावा की खूबियां जानेंगे तो आप भी हैरान रह जाएंगे और कहेंगे कि यह सम्मान बिल्कुल सही मिला है.
मगावा ने अब तक 39 से ज्यादा लैंडमाइन डिटेक्ट किए हैं. इतना ही नहीं मगवा ने 28 अनएक्सप्लोडेड ऑर्डिनेंस बरामद करने में मदद की है. मगवा की खासियतें सिर्फ यहीं खत्म नहीं हो जाती हैं. मगावा 30 मिनट में एक टेनिस कोर्ट के बराबर इलाके की तलाशी ले सकता है. यही काम अगर मेटल डिटेक्टर के साथ किसी आदमी से करवाया जाए, तो करीब चार दिन लग जाएंगे.
मगवा ने अब तक 1,41,000 वर्गमीटर क्षेत्र (दो फुटबॉल मैदान जितनी जगह) साफ कराया है. मगवा को अब तक का सबसे सफल 'हीरो रैट' माना जा रहा है.
क्या है 'हीरो रैट'? तंजानिया में एंटी-पर्सनल लैंडमाइंस डिटेक्शन प्रोडक्ट डेवलपमेंट (एपीओपीओ) नाम की एक डच चैरिटी चूहों को लैंडमाइन ढूंढने की ट्रेनिंग देती है. इस संगठन की स्थापना तो बेल्जियम में हुई थी और इसका मुख्यालय तंजानिया में है. यह संगठन 1990 के दशक से तंजानिया में चूहों को ट्रेनिंग दे रहा है.
यह संगठन मगावा जैसे चूहों को ट्रेनिंग देती है. इस ट्रेनिंग की मदद से ये चूहे लैंडमाइन जैसे एक्सप्लोसिव केमिकल्स को गंध के जरिए ढूंढने ढूंढते हैं. अफ्रीकन जायंट पाउच्ड रैट आम चूहों से बड़ा होता है. हालांकि यह इतना भारी नहीं होता कि इसके वजन से लैंडमाइन फट जाए. अफ्रीकन जायंट पाउच्ड रैट को बहुत समझदार चूहा माना जाता है. मगावा और उसके जैसे अन्य चूहों को आधिकारिक तौर पर 'हीरो रैट' कहा जाता है.
कैसे करता है मगवा लैंडमाइन की खोज मगवा या उसके जैसा चूहा लैंडमाइन को उसके केमिकल की वजह से डिटेक्ट करता है. इसके बाद वह हैंडलर को इसका संकेत देता है. कंबोडिया में तैनात मगवा भी जमीन में दबे स्क्रैप मेटल पर ध्यान नहीं देता और सिर्फ एक्सप्लोसिव केमिकल्स की गंध को पहचानता है. इससे हैंडलर को सिग्नल मिलता है और लैंडमाइन की सटीक लोकेशन पता चलती है.
बता दें कई दशक के संघर्ष की वजह से कंबोडिया में लाखों की संख्या में लैंडमाइन और अनएक्सप्लोडेड ऑर्डिनेंस है. कंबोडिया पिछले कुछ समय से इस संगठन की मदद से लैंडमाइन की खोज कर रहा है. यह विस्फोटक हर साल हजारों लोगों को घायल करते हैं.
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