Research On Happiness: हमारें मन में कभी-न-कभी ऐसे कई सवाल आते है, जिसके बारे में सोच कर उसका जबाव जाने की कोशिश करते है. ऐसा ही एक सवाल है कि क्या पैसे से खुशियां खरीदी जा सकती हैं? इस सवाल को लेकर दार्शनिक, अर्थशास्त्री और सामाजिक वैज्ञानिक दशकों से जूझ रहें है. वहीं इसके जबाव में अमेरिका के अधिकतर लोगों का मानना है कि पैसे से खुशियां खरीदी जा सकती है.


दुनिया के दो शोधकर्ता डैनियल काह्नमैन और मैथ्यू किलिंग्सवर्थ इस महीने प्रकाशित एक संयुक्त स्टडी में नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज की कार्यवाही में इस रिजल्ट पर पहुंचे कि वैसे लोग आम तौर पर खुश होते हैं, जो ज्यादा कमाते है. ऐसे लोगों की इनकम $75,000 (60 लाख) से अधिक होती है.


इमोशनल चीजों को भी इनकम से जोड़ते है
नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री और मनोवैज्ञानिक काहिमन ने 2010 में एक स्टडी की थी. इस स्टडी में उन्होंने खुशियों को पैसों से जोड़ कर दिखाया था. उन्होंने निष्कर्ष निकाला था कि लोग अक्सर इमोशनल चीजों को भी इनकम से जोड़ कर देखते है. इसके बावजूद $ 75,000 (60 लाख) से ज्यादा कमाने के बाद खुशी में कोई बढ़ोत्तरी नहीं दिखती, लेकिन 2021 में पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी के व्हार्टन स्कूल में हैप्पीनेस के रिसर्चर और वरिष्ठ साथी किलिंग्सवर्थ ने पाया कि 75,000 डॉलर (60 लाख) के बाद हैप्पीनेस स्टेबल नहीं होती है. वहीं लोगों की भलाई करने की मंशा $ 200,000 (1 करोड़ 64 लाख) से अधिक इनकम के साथ बढ़ सकती है.


ट्रैक योर हैप्पीनेस ऐप
कन्नमैन और किलिंग्सवर्थ ने कहा कि हैप्पीनेस पर उनकी नई खोज एक प्रचार के लिए था, जहां उन्होंने एक मेडिएटर की मदद से एक दूसरे के खिलाफ अपने सिद्धांतों को पेश किया. कन्नमैन और किलिंग्सवर्थ ने अपने स्टडी में 18 से 65 साल की लगभग 33 हजार 391 वयस्कों का सर्वे किया. ये सारे लोग अमेरिका के थे, जो कामकाजी भी थी.


एक रिपोर्ट के मुताबिक उनकी सालाना इनकम $ 10,000 (8 लाख) थी. वहीं $ 500,000 (4 करोड़) से अधिक कमाई करने वालों के लिए पर्याप्त डेटा की कमी है. किलिंग्सवर्थ ने प्रतिभागियों को हैप्पीनेस के स्केल को जानने के लिए एक स्मार्टफोन ऐप का इस्तेमाल करने दिया. ये ऐप किलिंग्सवर्थ ने है तैयार की थी, जिसे ट्रैक योर हैप्पीनेस कहते है.


किलिंग्सवर्थ ने प्रतिभागियों से कहा कि वो कोई-न-कोई अंतराल पर अपने इमोशन को रिपोर्ट करें. प्रतिभागियों के सामने जो सवाल थे, उनमें आप अभी कैसा महसूस कर रहे हैं शामिल थे. इसका जवाब बहुत खराब से लेकर बहुत अच्छे तक के पैमाने पर देना था.


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