Pakistan Privatization: गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहे पाकिस्तान ने सभी सरकारी कंपनियों को बेचने का निर्णय लिया है, जिसके बाद पाकिस्तान की मीडिया में भूचाल आ गया है. पाकिस्तान के लोग भी इससे खासा नाराज है. लोगों को लगता है कि सरकारी कंपनियों को बेचने के बाद सबकुछ और भी महंगा हो जाएगा. इस मसले को लेकर पाकिस्तानी यूट्यूबर सोहैब चौधरी ने पाकिस्तान के लोगों से बात की है.
सोहैब चौधरी एक पाकिस्तानी शख्स से सवाल किया कि पाकिस्तान अपनी सभी सरकारी कंपनियों को बेच रहा है. इसका जवाब देते हुए पाकिस्तानी शख्स ने कहा,'जब हमारे घर में पैसे नहीं होते तो हम घर का बर्तन ही बेचते हैं. शख्स ने कहा कि सरकारी कंपनियों को बेचने के बाद सरकार के पास पैसा तो आएगा, लेकिन जो खरीदेगा वो मनमानी करेगा और चीजों के रेट बढ़ा देगा, जिसका बोझ जनता के ऊपर जाएगा.
पाकिस्तान का विदेशों में पैसा-पाकिस्तानी
पाकिस्तानी शख्स ने कहा कि हम एक अरब डॉलर के लिए सऊदी के सामने हाथ फैला रहे हैं, जबकि सैकड़ों अरब डॉलर पाकिस्तानियों के विदेशों में है. शख्स ने कहा कि जबतक विदेशों में जमा पाकिस्तान का पैसा वापस नहीं आएगा, पाकिस्तान की हालत ठीक नहीं हो सकती है. नवाज शरीफ पूर्व के प्रधानमंत्रियों को मांगने वाला कहते थे और आज उनके भाई ही पूरी दुनिया से मांग रहे हैं. शख्स ने कहा कि पाकिस्तान की हालत सुधारने के लिए विदेशों में जमा पाकिस्तान का पैसा वापस लाना चाहिए.
पाकिस्तान के पास कितनी सरकारी कंपनी
दरअसल, पाकिस्तान की सरकार ने पहले ही एलान कर दिया है कि देश की सभी सरकारी कंपनियों को प्राइवेट किया जाएगा, चाहे वह घाटे में हो या मुनाफे में हों. शहबाज शरीफ ने कहा है कि 'सरकार का काम व्यापार करना नहीं है, सरकार का काम व्यापार और निवेश के लिए देश में बेहतर महौल देना है' पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, पाकिस्तान की सरकार सिर्फ उन्हीं कंपनियों को अपने पास रखेगी जो रणनीतिक तौर पर जरूरी हैं. पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के मुताबिक, पाकिस्तान के पास कुल 88 सरकारी कंपनियां हैं.
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