POK Protest: 'ये आजाद कश्मीर नहीं पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर है' PoK में कश्मीरियों ने शहबाज शरीफ को दी धमकी
POK Protest: कश्मीर के युवाओं ने कहा कि 5 फरवरी तो एक तरह का फ्रॉड है, हम पाकिस्तान को अपने पड़ोसी मुल्क के तौर पर देखते हैं. पाकिस्तान की सरकार कश्मीरियों का शोषण कर रही है.
POK Protest: पीओके में चल रहे हिंसक प्रदर्शन के बीच कश्मीर के युवाओं ने पाकिस्तान को खुला चैलेंज दिया है, मुजफ्फराबाद के कुछ युवाओं ने कहा कि यह 'आजाद कश्मीर' नहीं बल्कि 'पाकिस्तान आकुपाइड' कश्मीर है. युवाओं ने बताया कि पाकिस्तान हमेशा से आजाद कश्मीर बताने का प्रयास करता है. युवाओं ने कहा कि 5 फरवरी तो एक तरह का फ्रॉड है, जो पाकिस्तानियो के साथ किया जा रहा है.
दरअसल, पाकिस्तान पीओके को आजाद कश्मीर बोलता है और इसके लिए बकायदे 5 फरवरी को कश्मीर दिवस मनाया जाता है. पाकिस्तानी यूट्यूबर शोएब चौधरी के साथ बातचीत में पीओके के युवाओं ने अपनी आवाज को बुलंद किया है. कश्मीरियों ने कहा कि पाकिस्तान सिर्फ हमारा शोषण कर रहा है, यहां के पानी से बिजली बनाकर कश्मीर के लोगों को ही नहीं दे रहा है. पीओके में किसी तरह का डेवलपमेंट नहीं है. यहां पर स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था खस्ताहाल है, बच्चों के लिए अच्छे स्कूल नहीं हैं. पाकिस्तान पीओके के लोगों के साथ ज्यादती करता है.
कश्मीर के लिए इमरान ने बंद किया ट्रेड
कश्मीरी युवाओं ने कहा कि हम अपने को कश्मीरी मानते हैं और पाकिस्तान को अपना पड़ोसी मुल्क समझते हैं. भारत और पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे पर लड़ते रहते हैं, हमारी मांग है कि कश्मीर को आजाद कर देना चाहिए और हमारे साथ अच्छे संबंध रखना चाहिए. इसपर शोएब चौधरी ने सवाल किया कि कश्मीर के लिए इमरान खान ने भारत से ट्रेड बंद कर दी और इसका खामियाजा पूरा पाकिस्तान भुगत रहा है. आखिर पाकिस्तान तो आपके लिए अपना नुकसान भी करने को तैयार है.
भारत के कश्मीर में ज्यादा डेवलपमेंट
जवाब देते हुए कश्मीरी युवाओं ने कहा कि हम नहीं चाहते कि पाकिस्तान हमारे लिए किसी तरह का नुकसान सहे. हम यह भी नहीं चाहते कि भारत हमारे लिए कोई नुकसान सहे. कश्मीरी युवाओं ने यह भी माना कि भारत के हिस्से वाले कश्मीर में डेवलपमेंट पीओके से बेहतर है. कश्मीर के युवाओं ने बताया कि यहां का युवा अगर पढ़-लिखकर अपनी आवाज को उठाता है तो उसे सरकारी नौकरी दे दी जाती है, जिससे वह चुप हो जाता है. गरीब और मजदूर वर्ग के पास खाने के लिए नहीं है, वह अपनी आवाज को कैसे उठाए.
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