Solar Storm : पिछले सप्ताह शुक्रवार को एक शक्तिशाली सौर तूफान धरती से टकराया. इसकी वजह से तस्मानिया से लेकर ब्रिटेन तक आसमान में तेज चमक दिखाई दी थी. इसकी वजह से जगहों पर संचार उपग्रह और पावर ग्रिड को नुकसान भी हुआ था. कई इलाकों में बिजली गुल हो गई थी. इससे पहले सौर तूफान अक्टूबर 2003 में धरती से टकराया था. उस सौर तूफान को हैलोवीन तूफान नाम दिया गया था. अब फिर वैज्ञानिकों ने 2025 में एक और विस्फोट की चेतावनी दी है.
हार्वर्ड के एक खगोल वैज्ञानिक ने बताया कि सूर्य अभी अपने सोलर मैक्सिमम तक नहीं पहुंचा है. सूर्य का एक चक्र 11 वर्षों का होता है और सोलर मैक्सिमम इसका सबसे ऊर्जावान बिंदु है, यहां से निकलने वाली ऊर्जा और बढ़ जाती है. सोलर मैक्सिमम अगले साल जुलाई 2025 तक होने की उम्मीद है। यूएस नेशनल स्पेस वेदर सेंटर का अनुमान है कि 2025 में आने वाले सोलर मैक्सिमम के दौरान सनस्पॉट की संख्या 115 हो सकती है. इन सन स्पॉट से सौर ज्वालाएं निकलती हैं, जिसे कोरोनल मास इजेक्शन कहा जाता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि सौर तूफान सैटेलाइट और जीपीएस में गड़बड़ी पैदा कर सकता है.
डेलीमेल ने अपनी रिपोर्ट में डॉ. जोनाथन मैकडॉवेल के हवाले से कहा कि अगले एक या 2 साल में हमें बहुत बड़े तूफान देखने को मिल सकते हैं.पिछले हफ्ते सौर तूफान के कारण भू-चुंबकीय स्थितियां देखी गई थीं. सौर तूफान सूर्य पर बने एक सनस्पॉट से निकला था. 1859 में कैरिंगटन घटना को जन्म देने वाले सन स्पॉट से भी यह बड़ा था.
अभी कई और सौर तूफान आएंगे
नशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के अंतरिक्ष मौसम अनुमान केंद्र के अनुसार, आने वाले दिनों में कई और सौर तूफान आ सकते हैं. ऑस्ट्रेलिया और उत्तरी यूरोप में कुछ घटनाएं देखने को मिली हैं. ध्रुवीय ज्योति की घटना में सूर्य से आने वाले पार्टिकल्स जब धरती के चुंबकीय क्षेत्र में दाखिल होते हैं तो इससे जो प्रतिक्रिया होती है, उसके असर से सूर्य से आने वाले पार्टिकल्स चमकदार रंग-बिरंगी रोशनी के रूप में दिखते हैं.