Solar Storm Alert: पृथ्वी से फिर टकराएगा सोलर तूफान, मोबाइल, सैटेलाइट व जीपीएस पर पड़ेगा असर
Solar Storm News: सूर्य की सतह पर हलचल के बाद 15 जुलाई को सौर ज्वाला विस्फोट हुआ था, जो लगातार पृथ्वी को प्रभावित कर रहा है.
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Space Weather News: अंतरिक्ष मौसम शोधकर्ता डॉ. तमिथा स्कोव की हालिया भविष्यवाणी के अनुसार एक और सौर तूफान (Solar Storm) के सीधे पृथ्वी (Earth) से टकराने की उम्मीद है. दुनिया भर के शोधकर्ता और वैज्ञानिक पृथ्वी पर एक मजबूत सौर भड़कने की संभावना के कारण चिंतित हैं. 15 जुलाई को सौर ज्वाला विस्फोट (Solar Flare Eruption) के बाद बड़े पैमाने पर रेडियो आउटेज हुआ था. एक बार फिर से सौर तूफान के पृथ्वी के टकराने से मोबाइल (Mobile), जीपीएस (GPS), सेटेलाइट के इस्तेमाल और काम करने में दिक्कत आ सकती है.
सूर्य की सतह पर हलचल के बाद 15 जुलाई का सौर ज्वाला विस्फोट हुआ था, जो लगातार पृथ्वी को प्रभावित कर रहा है. दो दिन पहले, मंगलवार 19 जुलाई को, पृथ्वी के मैग्नेटोस्फीयर में खुले एक छेद को तोड़कर सौर तूफान ग्रह से टकराया था. अंतरिक्ष मौसम शोधकर्ता के मुताबिक पूरे सप्ताह पृथ्वी के सामने वाले सौर डिस्क पर नए सनस्पॉट दिखाई देने की उम्मीद है. राष्ट्रीय महासागरीय और वायुमंडलीय प्रशासन (एनओएए) ने भविष्यवाणी की है कि इस दौरान सौर फ्लेयर की भी संभावना होगी.
जीपीएस, फोन के नेटवर्क होते हैं प्रभावित
ये सनस्पॉट अनुमानित एक्स-क्लास अधिकतम प्रभाव के साथ शक्तिशाली सौर फ्लेयर्स उत्पन्न कर सकते हैं जो जीपीएस को नुकसान पहुंचा सकते हैं, रेडियो ब्लैकआउट बना सकते हैं, या फोन के नेटवर्क को भी प्रभावित कर सकते हैं. अंतरिक्ष मौसम शोधकर्ता डॉ तमिथा स्कोव के अनुसार, इस सौर तूफान के 15 जुलाई की सौर गतिविधि का हिस्सा होने की पुष्टि की गई है. उन्होंने कहा कि, "21 जुलाई को मामूली जी 1-श्रेणी का भू-चुंबकीय तूफान संभव हैं."
15 जुलाई की घटना के दौरान भी जीपीएस बाधित हो गया था और ग्रह के चारों ओर रेडियो ब्लैकआउट हो गया था. बहुत से लोगों का मानना था कि ये तूफान तभी खत्म हो गया था, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि एक धीरे-धीरे चलने वाला कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) जो सौर विस्फोट के बाद निकला था, वह पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है. तब ब्लैकआउट ने कुछ रेडियो ऑपरेटरों के साथ-साथ निजी जहाजों और तूफान के दौरान चलने वाले हवाई जहाजों में संचार प्रणालियों के लिए मामूली व्यवधान पैदा किया था. एनओएए की आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, आज एक बड़े सौर तूफान की 30% और कल मामूली सौर तूफान की 10% संभावना है.
नासा ने दी थी चेतावनी
नासा ने 19 जुलाई को चेतावनी दी थी कि सौर फ्लेयर पृथ्वी के भू-चुंबकीय क्षेत्र पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती हैं. नासा ने बताया कि सौर फ्लेयर एक मजबूत विकिरण विस्फोट है जो सनस्पॉट से चार्जड पार्टिकल्स के निकलने से पैदा होती है. इन्हें सूर्य की सतह पर चमकीले धब्बे के रूप में जाना जाता है, और ये कुछ घंटों तक बने रह सकते हैं. एक भू-चुंबकीय तूफान की तीव्रता को एक से पांच तक मांपा जा सकता है, जिसमें से एक छोटे तूफान को दर्शाता है और पांच एक बड़े तूफान को दर्शाता है. एक मजबूत सौर तूफान कई क्षेत्रों में रेडियो, नेटवर्क और संचार को बाधित कर सकती है. मौजूदा तूफान को जी-1 श्रेणी में रखा गया है.
सोलर तूफान क्या होता है?
सोलर तूफान (Solar Storm) सौर मंडल से और उसमें भी ये सीधे तौर पर सूर्य (Sun) से संबंधित है. ये सूरज पर उठने वाली बड़ी-बड़ी ज्वालाएं होती हैं, जो वहां गैसों के प्रभाव से होने वाले विस्फोट से पैदा होती हैं. इस खतरनाक होने का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि ये विस्फोट कई परमाणु बमों जितने शक्तिशाली भी हो सकते हैं. सूरज पर जब गैसों की टकराहट से विस्फोट होते हैं तो उनसे सोलर फ्लेयर्स या ज्वालाएं (Solar Flares) निकलती हैं. इसके बाद ये पृथ्वी (Earth) की ओर बढ़ती हैं.
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