सोलोमन द्वीप में पहली बार कोरोना वायरस का मामला उजागर हुआ है. दुनिया के ज्यादातर हिस्सों को अपनी चपेट में ले चुका वायरस सोलोमन में सामने नहीं आया था मगर शनिवार को एक छात्र में पहली बार संक्रमण की पुष्टि हुई. बताया जाता है कि पीड़ित छात्र फिलिपींस की यात्रा से हाल ही में लौटा था.


सोलोमन में पहली बार कोरोना वायरस


कोरोना वायरस से अछूते मुल्क के प्रधानमंत्री ने जानकारी दी. उन्होंने कहा, “योजना और तैयारी व्यर्थ नहीं है. और सरकार को अपनी क्षमता पर विश्वास है कि हालात को कैसे काबू करना है और नई मुसीबत का सामना कैसे किया जाए.” फिलिपींस की सीमा बंद किए जाने के बाद सोलोमन के 400 लोग फंस गए थे. जिसमें कोरोना वायरस की चपेट में आया छात्र भी शामिल था.


सरकार ने फिलिपींस में फंसे अपने नागरिकों को स्पेशल विमान सेवा से वापस बुलाया. प्रधानमंत्री मानासेह सोगावेरे ने बताया, “मेरी सरकार फिलिपींस के छात्रों की स्वेदश वापसी की प्रक्रिया में शामिल खतरों से पूरी तरह वाकिफ है. हमें ये भी मालूम है कि फिलिपींस में हमारे बच्चों के रहने से संक्रमण की चपेट में आने का खतरा ज्यादा है.”


फिलिपींस से लौटा छात्र पाया गया पॉजिटिव


प्रधानमंत्री ने ये भी बताया कि महामारी को रोकने के सामूहिक प्रयासों के बावजूद उन्हें कोविड-19 फ्री देश मुक्त का खिताब छिन जाने से बहुत ज्यादा दुख है. कोरोना पॉजिटिव पाया जानेवाला छात्र सोलोमन आने से पहले फिलिपींस में तीन बार जांच में निगेटिव पाया गया था. मगर अब कोरोना की पुष्टि होने के बाद उसे आइसोलेशन में रख दिया गया है. प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए सुरक्षात्मक उपाय अपनाने की बात कही. मगर उन्होंने लॉकडाउन की जरूरत को खारिज कर दिया.


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