अब दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य विभाग ने भी भारत के सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. सीरम इंस्टीट्यूट कुछ दिनों में दक्षिण अफ्रीका को 15 लाख कोविशील्ड की डोज सप्लाई करेगा, जिसे हेल्थवर्कर्स को लगाया जाएगा. दक्षिण अफ्रीका में कोरोना के 14 लाख से भी ज्यादा केस सामने आ चुके हैं जबकि 40 हजार लोगों की जान जा चुकी है. यहां हर दिन औसत 12 हजार नए केस दर्ज किए जा रहे हैं.


भारत ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि वह श्रीलंका और आठ अन्य देशों- भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, म्यामां, सेशल्स, अफगानिस्तान और मॉरीशस- को अनुदान सहायता के तहत कोविड-19 टीके भेजेगा. 'पड़ोसी प्रथम' नीति के अनुसार, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान और मालदीव को पहले ही भारतीय कोविड-19 टीका अनुदान सहायता के तहत मिल चुका है.

भारत में एक्सपर्ट कमेटी की तरफ से 1 जनवरी को कोविशील्ड के आपात इस्तेमाल की अंतिम मंजूरी के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के पास सिफारिश की गई थी. इसके बाद 2 जनवरी को भारत बायोटेक और आईसीएमआर की तरफ से तैयार 'कोवैक्सीन' को एक्सपर्ट कमेटी की तरफ से डीसीजीआई के पास अंतिम फैसला लेने के लिए भेजी गई थी. आखिर में डीसीजीआई ने 3 जनवरी को दोनों वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी थी. इसके बाद से भारत लगातार दुनियाभर में कोरोना वैक्सीन भेज रहा है.


श्रीलंका को अगले हफ्ते भारत से कोविड-19 टीका मिलेगा
श्रीलंका को अगले हफ्ते भारत से मुफ्त में कोविड-19 टीका प्राप्त होगा, राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने शनिवार को यह जानकारी दी. इससे एक दिन पहले ही देश ने ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनका के टीके 'कोविशील्ड' के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दी थी.


राष्ट्रपति ने कहा कि अग्रिम पंक्ति पर काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों, सेना, पुलिस और बुजुर्गों को टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाएगी. वहीं डॉक्टरों की तरफ से चेतावनी दी जा रही है कि कोविड-19 के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों को जल्द से जल्द टीका लगाया जाना चाहिए जिससे स्वास्थ्य सेवाओं को पूरी तरह चरमराने से रोका जा सके.


दक्षिण एशिया के बाद अब अफ्रीकी देश मोरक्को भेजी वैक्सीन
भारत ने अपने दक्षिण एशियाई पड़ोसियों को कोरोना वायरस वैक्सीन भेजने के बाद अब अफ्रीका में वैक्सीन भेज दी है. शुक्रवार की शाम को रॉयल एयर मैरोक प्लेन भारत से मोरक्को की राजधानी रबात के लिए रवाना हुआ था. इस सप्ताह की शुरुआत में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अफ्रीकी देशों के राजदूतों से मुलाकात की थी. जयशंकर ने आईएएफएस (भारत-अफ्रीका फॉरम समिट) में भारत के हितों को लेकर भी आश्वस्त किया.


जयशंकर ने संकेत दिया कि अफ्रीकी राजदूतों के साथ उनकी बातचीत में वैक्सीन और रिकवरी को लेकर भी बातचीत हुई है. बहुपक्षीय एजेंसियों सहित अफ्रीकी देश विकसित दुनिया द्वारा टीके की जमाखोरी से चिंतित हैं. ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड वैक्सीन का उत्पादन भारत में सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा किया जा रहा है. वहीं 'कोवैक्सीन' का उत्पादन भारत बायोटेक द्वारा किया जा रहा है.


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