ट्रैफिक की समस्या को यूं निपटा रहा दक्षिण कोरिया, इस नई तकनीक का किया जा रहा है इस्तेमाल
कोरिया की सरकार नागरिकों के लिए अर्बन एयर मोबिलिटी (के-यूएएम) की शुरुआत जून 2020 से ही कर चुकी है. इसी क्रम में 24 नवंबर से दो-सीटर पैंजेजर ड्रोन का सिलसिला शुरू किया गया है.
जहां भी बात तकनीक की होती है वहां दक्षिण कोरिया एक ऐसा देश है तो हमेशा आगे की कतारों मे खड़ा होता है. यहां की सरकार नागरिकों के लिए अर्बन एयर मोबिलिटी (के-यूएएम) की शुरुआत जून 2020 से ही कर चुकी है. इसी क्रम में 24 नवंबर से दो-सीटर पैंजेजर ड्रोन का सिलसिला शुरू किया गया है जो सियोल, डाईगू और जेजू टापू मेडेन फ्लाइट की फ्लाइट पूरी कर रही है.
दक्षिण कोरिया की सरकरा ने ये फैसला किया है कि यहां के साल 2023-25 तक ये सेवाएं कमर्शियल कराई जाएं. कोरिया इस प्रोजेक्ट में चीन से साथ सहयोग किया है. चीनी कंपनी ईहेंग होल्डिंग्स इस प्रोजेक्ट में कोरिया को ड्रोन टैक्सी मुहैया करा रही है. इसके लिए अलग अलग शहर की रोड मैपिंग की गई है.
कोरिया द्वारा इस सेवा से नागरिकों को काफी लाभ होगा, ड्रो टैक्सी के आने से मु्ख्य तौर पर जाम की समस्या को कम करना है. तकनीकी स्तर की बात करें तो ड्रोन का इस्तेमाल 50 मीटर की उंचाई से व्यवस्थापित किया जाएगा. इस ड्रोन का प्रदर्शन सियोल सरकार, दक्षिण कोरिया का भूमि, इंफ्रास्ट्रक्चर और ट्रांसपोर्ट मंत्रालय की ओर से किया गया था.
इस सेवा से सीओल के मेयर सेओ जियोंग हाइप काफी उत्साहित हैं. उन्होंने कहा कि हम पहली ड्रोन टैक्सी की सुविधा देने के लिए बेहद उत्साहित हैं. मेयर की मुताबिक ये भविष्य में ट्रांसपोर्टेशन का नया माध्यम बनने वाला है.
मेयर ने कहा, ''हम स्थानीय सरकार की तौर पर इस बात का ध्यान रखेंगे कि किसी भी व्यक्ति की हवा में उड़ान भरने से लेकर नीचे उतरने तक उसकी सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाए.''