दक्षिण कोरिया की संसद ने मंगलवार को कुत्ते के मांस की खपत और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक विधेयक पारित किया, जिससे सदियों पुरानी प्रथा का अंत हो गया. यह कदम दक्षिण कोरिया के पशु कल्याण के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण में बदलाव को दर्शाता है. नए कानून में कहा गया है,'' इस कानून का उद्देश्य पशु अधिकारों को साकार करने में योगदान देना है. साथ ही मनुष्य और जानवरों के बीच सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देता है.''
दरअसल, पिछले कुछ सालों से कुत्ते का मांस खाने की आलोचना और विरोध दोनों दक्षिण कोरिया में हो रहा था, जिसके बाद अब सरकार ने इसे गैरकानूनी घोषित कर दिया.
आपको बता दें कि कोरियाई मानते है कि कुत्ते का मांस खाने से इम्युनिटी में सुधार आता है. हालांकि,युवाओं की सोच बिल्कुल अलग है और वो कुत्तों को मारने के खिलाफ रहे हैं. अधिकतर युवा कोरियाई लोग कुत्तों को अपना परिवार का सदस्य मानते हैं और कुत्तों को खाने और मारने की जमकर आलोचना करते है.
युवाओं के विरोध प्रदर्शन के बीच देश के राष्ट्रपति ने भी कहा था कि कुत्तों के मारने पर बैन लगना चाहिए. राष्ट्रपति ने कानून का समर्थन किया था. राष्ट्रपति यून सुक येओल खुद एक पशु प्रेमी हैं, जिन्होंने प्रथम महिला किम केओन ही के साथ छह कुत्तों और आठ बिल्लियों को गोद लिया है.