इस देश के राष्ट्रपति ने पत्नी के चक्कर में लगा दिया मॉर्शल लॉ! विपक्ष के साथ पार्टी के नेताओं ने भी घेरा
Martial Law in South Korea : दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के फैसले के बाद देश में राजनीतिक भूचाल आ गया. हालांकि, देश में मॉर्शल लॉ करीब छह घंटे तक ही रह पाया. विपक्ष ने वोटिंग कराकर इसे खारिज कर दिया.
Martial Law in South Korea : दक्षिण कोरिया में 3 दिसंबर (मंगलवार) की रात राष्ट्रपति यून सुक योल के एक फैसले से देश में राजनीतिक तुफान आ गया. राष्ट्रपति ने अचानक से देश में मॉर्शल लॉ का ऐलान कर दिया. राष्ट्रपति के ऐलान के थोड़ी देर बाद ही वर्दीधारी सैनिकों को संसद के अंदर घुसते देखा गया. हालांकि देश में मार्शल लॉ बस कुछ घंटे तक ही रह पाया.
राष्ट्रपति के इस फैसले से साउथ कोरिया में राजनीतिक भूचाल आ गया. संसद की विपक्ष के साथ-साथ योल की अपनी पार्टी के नेताओं ने भी इस उनके इस फैसले की खूब आलोचना की. इसके बाद विपक्ष के प्रभाव वाली संसद ने वोटिंग कराकर मॉर्शल लॉ को खारिज किया. वहीं, अब ये सवाल उठ रहा है कि राष्ट्रपति ने अचानक इस तरह का फैसला क्यों लिया और उनके फैसले के पीछे कहीं उनकी पत्नी तो जिम्मेदार नहीं है?
कौन हैं राष्ट्रपति यून सुक योल की पत्नी?
साउथ कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल की पत्नी और देश की प्रथम महिला किम कियोन एक उद्यमी है. उन्होंने 2007 में एक सांस्कृतिक साम्रगी की कंपनी कोवाना कंटेट की स्थापना की थी. द स्ट्रेट्स टाइम्स के अनुसार, किम की कंपनी कल्चरल एग्जिबिशन का आयोजन करती है और अल्बर्टो जियाकोमेटी, मार्क चागल और मार्क रोथको जैसे कई बड़े लोगों के लिए शो की मेजबानी कर चुकी है. बता दें कि किन कियोन ने साल 2012 में राष्ट्रपति यून सुक योल से शादी की थी.
किम कियोन का विवादों से है बढ़िया नाता
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति की पत्नी और देश की प्रथम महिला किम कियोन का नाम अब तक कई विवादों और स्कैंडल में सामने आ चुका है. जिसकी वजह से राष्ट्रपति की राजनीतिक छवि को नुकसान पहुंचा है. किम के एक विवाद में राष्ट्रपति को सामने आकर ये बयान देना पड़ा था कि किम अच्छ से व्यवहार कर सकती थीं. वहीं, सितंबर 2022 में किम को एक कोरियाई-अमेरिकी पादरी से गुप्त तरीके से 30 लाख वॉन (1.8 लाख भारतीय रुपये) का क्रिश्चियन डायर बैग लेते हुए फिल्माया गया था. जिसके बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया था.
देश में मॉर्शल लॉ के पीछे क्या किम हैं जिम्मेदार?
विपक्ष के नेतृत्व में वोटिंग कराकर देश से मॉर्शल लॉ का आदेश हटा दिया गया. लेकिन विपक्ष ने इसके बाद राष्ट्रपति पर हमले तेज कर दिए हैं. यहां तक कि विपक्ष योल के खिलाफ अब महाभियोग की मांग कर रहा है. विपक्ष ने कहा कि देश में लगाया गया मॉर्शल लॉ राजनीति से प्रेरित था. इसके बाद विपक्ष ने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति प्रथम महिला के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की विशेष जांच की मांग से ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं. पिछले सप्ताह राष्ट्रपति ने अपनी बीवी से संबंधित स्टॉक मूल्य हेरफेरी और प्रभाव-व्यापार के आरोपों की विशेष वकील जांच की मांग करने वाले विधेयक को तीसरी बाद वीटो कर दिया था.
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