South Korea: उत्तर कोरिया ने पिछले महीने अपना पहला सैन्य जासूसी उपग्रह लॉन्च किया लेकिन वह फेल हो गया था. जिसके सबूत अब दक्षिण कोरिया के हाथ लगे हैं. दरअसल, दक्षिण कोरिया ने दावा किया है कि उत्तर कोरिया द्वारा लॉन्च किये गए उपग्रह का मलबा समुद्र में मिला है. इस बात की पुष्टि दक्षिण कोरिया के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ ने शुक्रवार की. 


रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण कोरिया के सैन्य अधिकारी ने कहा कि पश्चिमी तट की सतह से लगभग 75 मीटर (246 फीट) नीचे समुद्र तल से गुरुवार शाम मलबा मिला था, सेना ने कहा कि अतिरिक्त वस्तुओं की तलाश जारी है जिसे उत्तर कोरिया ने अंतरिक्ष प्रक्षेपण वाहन कहा था. सेना के अधिकारी के अनुसार, असफल लांचिंग के तुरंत बाद से ही दक्षिण कोरिया के जवान मलबा ढूढ़ने में लगे हुए थे. 


अमेरिका की मदद से उत्तर कोरिया करेगा जांच 


 रिपोर्ट की अनुसार, अधिकारी के अनुसार, हमें छोटे-छोटे हिस्से पहले ही मिल चुके थे, लेकिन पूरी तरह से आश्वस्त होना चाहते थे कि यह मलबा उत्तर कोरिया द्वारा लॉन्च किये गए सैन्य जासूसी उपग्रह का ही है. इस काम में सेना के 10 जहाजों और दर्जनों गोताखोरों को लगाया गया था. ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ द्वारा जारी की गई तस्वीरों में एक बड़ी बेलनाकार वस्तु दिखाया गया है. इससे पहले उत्तर कोरिया ने कहा था कि रॉकेट का नाम "चोलिमा -1" रखा गया था. सेना के अधिकारी ने आगे कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका के सहयोग से समुन्द्र में मिले मलबे का गहन विश्लेषण किया जाएगा. 


रॉकेट के दूसरे हिस्से की तलाश जारी 


दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री ली जोंग-सुप ने कहा था कि यह मलबा रॉकेट का महज एक हिस्सा है लेकिन सेना अभी भी बाकी के हिस्सों की तलाश कर रही है. वहीं दक्षिण कोरिया के विज्ञान और प्रौद्योगिकी नीति संस्थान के वैज्ञानिक ली चून-जौन ने कहा कि हाल ही में प्राप्त हुई वस्तु एक ईंधन टैंक प्रतीत होती है. 


गौरतलब है कि इससे पहले उत्तर कोरिया ने कहा था कि वह इस सैटेलाइट के जरिए अपने प्रतिद्वंद्वी दक्षिण कोरिया और अमेरिका के सैन्य अभ्यासों पर नजर रखना चाहता है. हालांकि इस बार यह प्रयास असफल हो गया . 


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