साउथ कोरिया में बवाल, मॉर्शल लॉ लगाने के लिए राष्ट्रपति के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी, गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस तो समर्थकों ने रोका
Impeachment against President Yun Suk Yeol : देश में अचानक मॉर्शल लॉ लगाने के आरोप मे दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल को पद से हटाने के लिए 14 दिसंबर (शनिवार) को संसद में महाभियोग लाया गया था.
Impeachment against South Korea President : दक्षिण कोरिया का राष्ट्रपति यून सुक-योल इस वक्त महाभियोग का सामना कर रहे हैं, जिन्हें कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है. सियोल की पुलिस गिरफ्तारी वारंट के साथ उन्हें अरेस्ट करने उनके घर पर पहुंच गई है. लेकिन यून के आवास के बाहर उनके समर्थकों की भीड़ ने पुलिस अधिकारियों को रोक रखा है. यून की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की दर्जनों बसें और हजारों पुलिस अधिकारियों को यून सुक-योल के आवास के आसपास तैनात किया गया है.
मॉर्शल लॉ लगाना यून सुक-योल को पड़ गया महंगा
दक्षिण कोरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति यून सुक-योल को देश में मॉर्शल लॉ लगाना महंगा पड़ गया. यून 3 दिसंबर (मंगलवार) की रात को देश में अचानक मॉर्शल लॉ लगाकर निशाने पर आए थे. बावजूद इसके उनके समर्थन में उनके आवास के बाहर प्रदर्शनकारियों की भीड़ जमा हो गई है, जो उनके समर्थन में नारेबाजी कर रही है और पुलिस को यून को गिरफ्तार करने से रोकने की कोशिश कर रही है.
14 दिसंबर को लाया गया महाभियोग
देश में अचानक मॉर्शल लॉ लगाने के आरोप में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल को पद से हटाने के लिए 14 दिसंबर (शनिवार) को संसद में महाभियोग लाया गया था. इसके बाद पद से हटाए गए राष्ट्रपति यून सुक-योल के खिलाफ मंगलवार (31 दिसंबर, 2024) को सियोल की कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था.
उल्लेखनीय है कि यह दक्षिण कोरिया के इतिहास का पहला मामला है, जब किसी राष्ट्रपति के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है. सियोल की कोर्ट ने करप्शन इंवेस्टिगेशन ऑफिस (CIO) के वरिष्ठ अधिकारियों को इसके लिए निर्देश दिए हैं. बता दें कि मामले में पूछताछ के लिए कई बार यून सुक-योल को तलब किया गया था लेकिन वह एक बार भी पुलिस के सामने पेश नहीं हुए. इसके बाद उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया.
अचानक देश में लागू किया था मॉर्शल लॉ
राष्ट्रपति यून सुक-योल ने 3 दिसंबर (मंगलवार) की रात को अचानक से देश में मॉर्शल लॉ की घोषणा कर दी थी. जिससे दक्षिण कोरिया की राजनीति में भूचाल आ गया था. संसद के अंदर विशेष बल और हेलीकॉप्टर को भेज दिया गया था. इसके बाद विपक्ष के साथ उनकी पार्टी के सांसदों ने उनके आदेश को अस्वीकार करके उन्हें इस फैसले को वापस लेने के लिए मजबूर किया. फिलहाल राष्ट्रपति महाभियोग का सामना कर रहे हैं और उनके इस फैसले की आपराधिक जांच हो रही है.
न्याय मंत्री ने की पुष्टि
दक्षिण कोरिया के न्याय मंत्रालय ने पिछले दिनों पुष्टि की कि यून देश के राष्ट्रपति हैं, जिन पर पद पर रहते हुए देश छोड़ने पर बैन लगा है. पिछले हफ्ते राष्ट्रपति यून ने उत्तर कोरिया के समर्थन में 'देश-विरोधी' और 'कम्युनिस्ट' ताकतों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के लिए आपातकालीन मार्शल लॉ का ऐलान किया था.
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