दक्षिण कोरिया की पूर्व राष्ट्रपति पार्क ग्युन-हे को 24 साल की जेल
घोटाले के कारण पार्क पर संसद में दिसंबर 2016 में महाभियोग चलाया गया और उन्हें औपचारिक तौर पर 10 मार्च, 2017 को संवैधानिक पद से हटाया गया. पार्क शुक्रवार को सजा तय करने के लिए की गई सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद नहीं थीं.
सियोल: दक्षिण कोरिया की पूर्व राष्ट्रपति पार्क ग्युन-हे को एक अदालत ने शुक्रवार को व्यापक भ्रष्टाचार और घोटाल के आरोपों में दोषी ठहराते हुए 24 साल कैद की सजा सुनाई है. साथ ही, उन पर 18 अरब वॉन का जुर्माना भी लगाया गया है. भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते ही 2017 में उन्हें अपनी सत्ता गंवानी पड़ी थी. समाचार एजेंसी 'योनहाप' की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत की सुनवाई का टेलीविजन पर लाइव टेलिकास्ट किया गया.
सुनवाई के दौरान सियोल के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 66 साल की पूर्व राष्ट्रपति को दोषी ठहराया. करीब एक साल पहले मार्च 2017 में उनको गिरफ्तार किया गया था. पार्क को रिश्वतखोरी, उत्पीड़न और सत्ता के दुरुपयोग समेत भ्रष्टाचार के 16 मामलों में अभियुक्त ठहराया गया. न्यायाधीश ने कहा, "राष्ट्रपति ने जनता द्वारा दी गई शक्ति का गलत इस्तेमाल किया और इसलिए उनको सख्त सजा की जरूरत है, ताकि देश के भावी नेताओं को कड़ा संदेश मिले."
पार्क के लिए 30 साल की सजा की मांग की गई थी. अदालत के बाहर लगे बड़े परदे पर मामले में फैसले को देखने के लिए पार्क के सैकड़ों समर्थक इकट्ठा थे. वो कोरिया और अमेरिका के झंडे लहराते हुए पार्क को मुक्त करने की मांग कर रहे थे. पार्क साल 2013 में दक्षिण कोरिया की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं. वो पहली निर्वाचित राष्ट्राध्यक्ष थीं, जिन्हें पद से बेदखल कर दिया गया. इसके अलावा वह तीसरी दक्षिण कोरियाई नेता हैं, जिनको भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार दिया गया है.
घोटाले के कारण पार्क पर संसद में दिसंबर 2016 में महाभियोग चलाया गया और उन्हें औपचारिक तौर पर 10 मार्च, 2017 को संवैधानिक पद से हटाया गया. पार्क शुक्रवार को सजा तय करने के लिए की गई सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद नहीं थीं. आपको बता दें कि उन पर अपनी पुरानी मित्र और विश्वासपात्र चोई सून-सिल की मिलीभगत से राजनीतिक पक्षपात के बदले में कारोबारियों पर रिश्वत देने के लिए दबाव डालने का आरोप था.