South Korea: दक्षिण कोरिया में आज (3 दिसंबर, 2024) राष्ट्रपति यून सुक योल ने आपातकालीन मार्शल लॉ का ऐलान कर दिया है, जिसमें विपक्ष पर संसद को नियंत्रित करने, उत्तर कोरिया के साथ सहानुभूति रखने और सरकार को अपंग बनाने वाली गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया है. टेलीविज़न ब्रीफिंग के दौरान की गई यह घोषणा में दक्षिण कोरिया के चल रहे राजनीतिक संकट को दर्शाता है और ये दक्षिण कोरिया के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है.


राष्ट्रपति यून सुक योल, जिन्हें मई 2022 में पदभार ग्रहण करने के बाद से विपक्ष की ओर से नियंत्रित नेशनल असेंबली से लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, ने इस कदम को देश की संवैधानिक व्यवस्था की रक्षा के लिए आवश्यक बताया. हालांकि, ये शासन और लोकतंत्र के लिए अस्पष्ट हैं.


विपक्ष ने लगाए थे आरोप


यह ऐलान डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ कोरिया के नेतृत्व वाले विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति यून पर सत्ता के कथित दुरुपयोग पर महाभियोग चलाने की मांग के एक महीने किया गया है. विपक्ष का कहना था कि मार्शल लॉ लगा कर राष्ट्रपति महाभियोग से बचना चाहते हैं. विपक्षी नेता ली जे-म्युंग ने इसके दुरुपयोग की ऐतिहासिक मिसालों की ओर इशारा करते हुए चेतावनी दी कि मार्शल लॉ "पूर्ण तानाशाही" को जन्म दे सकता है. 


यून ने लगाया झूठ फैलाने का आरोप


इसके जवाब में यून के कार्यालय ने इन आरोपों को मनगढ़ंत प्रचार बताते हुए खारिज कर दिया था और विपक्ष पर जनता की राय को प्रभावित करने के लिए झूठ फैलाने का आरोप लगाया था. प्रधान मंत्री हान डक-सू ने भी दावों का खंडन किया था, इस बात पर जोर देते हुए कि दक्षिण कोरियाई इस तरह के कदम को स्वीकार नहीं करेंगे.


1987 में खराब हो गए थे संबंध


यून और विपक्ष के बीच तनावपूर्ण संबंध पहले ही उस समय चरम पर पहुंच गए थे, जब यून 1987 के बाद से नए संसदीय कार्यकाल के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होने वाले पहले राष्ट्रपति बने थे. उनके कार्यालय ने चल रही संसदीय जांच और महाभियोग की धमकियों को उनकी अनुपस्थिति का कारण बताया था.


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