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SpaceX Starship Explodes: स्पेसएक्स स्टारशिप रॉकेट में ब्लास्ट का मतलब क्या है, अब Starlink के प्रोग्राम का भविष्य अधर में लटक जाएगा?

SpaceX Starship Explodes: दुनिया के सबसे बड़े रॉकेट स्पेसएक्स स्टारशिप में विस्फोट के 4 मिनट बाद धमाका हो गया. इस धमाके से एलन मस्क के ड्रीम प्रोजेक्ट के भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं.

SpaceX Starship Explodes: दुनिया का सबसे बड़ा रॉकेट स्पेसएक्स स्टारशिप गुरुवार (20 अप्रैल) को एक टेस्ट के दौरान फट गया. रॉकेट ने लॉन्च पैड से सफलतापूर्वक उड़ान भरी थी लेकिन 4 मिनट बाद इसमें विस्फोट हो गया. इस रॉकेट लॉन्च पर दुनिया भर की निगाहें थीं. अब टेस्ट के दौरान इसमें विस्फोट के बाद आइए समझते हैं कि एलन मस्क के ड्रीम प्रोजेक्ट का भविष्य क्या है. क्या यह अब रुक जाएगा या फिर अभी भी संभावनाएं हैं.

स्टारशिप के विस्फोट को तीन बयानों से समझते हैं. पहला बयान कंपनी स्पेसएक्स का है, जिसने इसे विस्फोट नहीं का है. इसके बजाय स्पेसएक्स ने कहा है कि स्टारशिप ने रैपिड अनशेड्यूल्ट डिसएस्पेशन का अनुभव किया है. 

रॉकेट लॉन्च फेल होने के बाद भी इसके लिए मस्क की टीम को बधाई मिल रही है. नासा के एडमिनिस्ट्रेटर बिल नेल्सन ने ट्वीट किया कि "स्टारशिप के पहले एकीकृत फ्लाइट टेस्ट के लिए स्पेसएक्स को बधाई. इतिहास में हर महान उपलब्धि ने कुछ स्तर पर सुनियोजित जोखिम की मांग की है, क्योंकि बड़े जोखिम के साथ बड़ा इनाम मिलता है. स्पेसएक्स ने जो कुछ सीखा है, उससे अगली उड़ान या और आगे के लिए अच्छी उम्मीद के साथ देख रहा हूं."

तीसरा बयान खुद कंपनी के संस्थापक मस्क का है. उन्होंने भी टीम को बधाई देते हुए लिखा कि कुछ महीनों में अगले टेस्ट लॉन्च के लिए बहुत कुछ सीखा है.

रॉकेट का फटना असामान्य नहीं

ये तीन बयान यह बताने के लिए नहीं हैं कि इसका मतलब कुछ हुआ ही नहीं है. दरअसल रॉकेट के इतिहास में यह पहली बार नहीं है कि कोई रॉकेट फट गया हो. रॉकेट का फट जाना या दुर्घटनाग्रस्त हो जाना अंतरिक्ष में सफलता के लिए प्रक्रिया का अनिवार्य हिस्सा है.

अंतरिक्ष में यात्रा आसान नहीं है और स्पेसएक्स यह बात किसी और से ज्यादा अच्छे से जानता है. आज इसका फॉल्कन 9 रॉकेट 2010 के बाद से 217 बार सफलतापूर्वक उड़ान भरके इस दुनिया का सबसे प्रमुख लॉन्च प्लेटफॉर्म बना चुका है. फॉल्कन ने बीते साल 2022 में 61 लॉन्च किए. लेकिन फॉल्कन को यहां तक पहुंचने के लिए पहले विफलताओं का सामना करना पड़ा था. फॉल्कन 3 बार असफल रहा और स्टारशिप ने भी पहले कई विपलताएं देखी हैं. 2020 से 2021 के दौरान 5 ऊपरी चरण के स्टारशिप रॉकेट को 10 किमी अधिकतम ऊंचाई की छोटी टेस्ट फ्लाइट पर लॉन्च किया गया था. इनमें से 4 फट गए थे, और 5वां जो सफल रहा था, उसमें भी लैंडिंग के बाद रॉकेट के बेस में छोटी सी आग लग गई थी.

दरअसल टेस्ट किया ही इसलिए जाता है ताकि आप जान सकें. एक फेल टेस्ट से आप अधिक सीखते हैं, फिर से तैयार होते हैं और दोबारा जाते हैं. जैसा कि एलन मस्क ने कहा है कि अगले कुछ महीनों में होने वाले लॉन्च के लिए बहुत कुछ सीखा है.

स्टारशिप एक जटिल मशीन

स्टारशिप को दूसरे रॉकेट के तुलना में ज्यादा परीक्षण की जरूरत है. यह एक अत्यंत जटिल मशीन है, जिसके पहले चरण में 33 इंजन लगे हुए हैं. 20 अप्रैल को हुए लॉन्च में इनमें से बहुत सारे जले नहीं है. हालांकि, इनकी अभी गिनती नहीं हुई है. इसके दूसरे चरण में 9 इंजन हैं.

स्टारशिप की तुलना सोवियत संघ के 30 इंजन वाले एन-1 चंद्रमा रॉकेट से करें तो यह उतना बुरा नहीं था. कॉस्मोनॉट्स (रूसी अंतरिक्ष यात्रियों) को ले जाने के लिए तैयार किया गया सोवियत रॉकेट 1969 में शानदार ढंग से उड़ान भरने के लिए बाद फट गया और वापस जमीन पर गिर गया था. इसने लॉन्च पैड को नष्ट कर दिया था. वहीं, स्पेसएक्स लॉन्च टॉवर को साफ रखने में सफल रहा है.

अगले लॉन्च की तैयारी

खास बात ये है कि स्पेसएक्स ने कभी भी स्टारशिप की सफलता का वादा नहीं किया था. ऐसा लगता है कि स्पेसएक्स इस बात को समझती थी कि इस तरह की जटिल मशीन के टेस्ट के दौरान कुछ चीजें गलत हो सकती हैं. 

इस बीच मस्क ने वादा किया है कि कुछ महीनों में स्टारशिप फिर से उड़ान भरेगा. मस्क के बयान से ऐसा लगता है कि कंपनी ने इस मशीन के कई डुप्लीकेट पहले से तैयार कर रखे हैं ताकि ऐसी स्थिति आने पर इसकी कमियों को सुधारकर तुरंत अगले लॉन्च के लिए काम शुरू किया जा सके. यह कब होगा यह तो भविष्य में पता चल जाएगा लेकिन स्पेसएक्स ने यह भरोसा दिया है कि यह रॉकेट उड़ सकता है. आज स्टारशिप कम भाग्यशाली रहा. लेकिन अगर इतिहास पर नजर डालें तो असफलता से ही सफलता का रास्ता जाता है. रॉकेट फट जाते हैं और फिर आगे चलकर सफलतापूर्वक लॉन्च होते हैं.

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