नई दिल्ली: दुनिया मानवता के जिस सबसे बड़े संकट से गुजर रही है वो कोरोना वायरस चीन की जमीन पर पैदा हुआ है. लेकिन चीन इस वैश्विक महामारी पर जिम्मेदारी से बचने के लिए सारे हथकंडे अपना रहा है. लेकिन अमेरिका ने भी चीन को सीधा करने के लिए उसे हर तरफ से घेरना शुरू कर दिया है. इस बार चीन को उसके घर में ही घेर रहा है अमेरिका..मातृभूमि में देखिए जुल्मी चीन पर कैसे चला है अमेरिका का चाबुक.


चीन का शिनजियांग प्रांत जहां चप्पे चप्पे पर पुलिस का पहरा होता है जहां रहने वाले हर शख्स पर दुनिया के सबसे आधुनिक सिस्टम की मदद से नजर रखी जाती है. वो कहां जाता है, किससे मिलता है, क्या करता है. बाजार में घुसने से पहले ऐसे फेस रिकगनिशन कैमरों इनके चेहरों को स्कैन किया जाता है. हर ऑनलाइन एक्टिविटी को ट्रैक किया जाता है. जहां धर्म की आजादी नहीं है. चीन का शिनजियांग प्रांत जहां कई मुस्लिम नामों तक पर पाबंदी लगा दी गई है. यहां तक की कई मस्जिदों में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तस्वीरें लगा दी गई हैं. ये चीन के उन उइगर मुसलमानों की कहानी है जहां वो खुलेमाम मानवाधिकारों की हत्या कर रहा है. ये उन उइगर मुसलमानों की कहानी है जिनकी सांसों तक पर चीन ने पहरा लगा दिया है. पिछले कई सालों से उइगर मुसलमानों के साथ गुलामों जैसा बर्ताव कर रहा है चीन और अब चीन को उइगर मुसलमानों के मोर्चे पर घेरने की तैयारी कर चुका है अमेरिका.


अमेरिका की सीनेट ने एक प्रस्ताव पारित करके चीन की कम्युनिस्ट सरकार से वहां के उइगर और दूसरे मुसलमान अल्पसंख्यकों के खिलाफ मानवाधिकार उल्लंघन पर जवाब मांगा है. कल अमेरिकी सीनेट ने सर्वसम्मति से ये प्रस्ताव पारित किया है.


इस प्रस्ताव में उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है जो उइगर मुसमलानों पर होने वाले अत्याचार के लिए जिम्मेदार हैं. ये प्रस्ताव अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की चीन के खिलाफ आक्रामक नीति में एक कदम आगे बढ़ने की तरह है. ट्रंप कोरोना वायरस पर चीन का सच सामने लाना चाहते हैं. इससे पहले अमेरिकी संसद में चीन के खिलाफ. आर्थिक प्रतिबंध लगाने वाला बिल पेश हो चुका है.



चीन एक ऐसा देश है जो कभी दुनिया के सामने अपने देश का सच नहीं आने देता. चीन प्रोपेगैंडा पर काम करता है और ऐसा ही प्रोपेगैंडे की आड़ में वो उइगर मुसलमानों पर जुल्म करता है. पश्चिमी चीन के शिनजियांग प्रांत में एक करोड़ से ज्यादा उइगर मुसलमान रहते हैं, शिनजियांग की सीमा पाकिस्तान, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान समेत 8 देशों से लगती है, उइगर मुसलमान खुद को बीजिंग से ज्यादा इन देशों के करीब समझते हैं. उइगर मुसलमान अपनी भाषा बोलते हैं लेकिन चीन ये बर्दाश्त नहीं कर पाता. चीन के जुल्म की इंतेहा बताने वाला सबूत हैं डिटेंशन सेंटर


पश्चिम चीन में ली गई सैटेलाइट तस्वीरों में आपको बड़े बड़े कॉम्पलेक्स दिखाई देते हैं. ऊपर से देखने में ये किसी फैक्ट्री या स्कूल जैसी इमारतें लगती हैं लेकिन इनका सच ये है कि चीन में उइगर मुसमलानों के लिए बनाई गई जेल है जहां चीन की सरकार ने करीब 10 लाख उइगर मुसलमानों को बंदी बनाकर रखा है. चीन कभी नहीं चाहता कि दुनिया को पता चले कि वो उइगर मुसलमानों के साथ कैसा बर्ताव करता है. चीन दुनिया के सामने पेश करता है और बताता है कि कैसे वो उइगर मुसलमानों को कैंप के भीतर रखकर उन्हें शिक्षा दे रहा है जबकि ये सबकुछ चीन का वो ड्रामा है. चीन के कैंप में इस तरह से उइगर मुसलमानों को रखा जाता है. डिटेंशन सेंटर में महिलाओं के साथ यौन शोषण की घटनाओं का खुलासा भी हो चुका है. कुछ महिलाओं ने कहा कि जबरन उनका गर्भपात भी कराया गया. इन कैंपों में रहने वाले ज्यादातर उइगर मुसलमानों पर किसी तरह के अपराध का आरोप नहीं है और उनके पास कानून के रास्ते इन कैंपों से बाहर निकलने का कोई रास्ता भी नहीं है. 2014 में शिनजियांग में शुरु किए गए ये कैंप 2017 तक बहुत बड़ी तादाद में बनाए जा चुके हैं.



मार्च 2017 में शिनजियांग सरकार ने एक कानून बनाया जिसके तहत लंबी दाढ़ी रखने पर पाबंदी लगा दी गई. सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पहनना बैन कर दिया गया. कुछ मुस्लिम नामों तक पर बैन लग गया जैसे उइगर मुसलमान अपने बच्चों का मोहम्मद या मदीना नहीं रख सकते हैं. चीन दुनिया से कहता है कि शिनजियांग प्रांत में अलगाववादियों पर काबू करने के लिए वो सख्त रवैया अपनाता है. शिनजियांग चीन के लिए बेहद जरूरी है क्योंकि शिनजियांग ही यूरोप और अफ्रीका से चीन को जोड़ता है. चीन के बेल्ड और रोड प्रोजेक्ट में भी शिनजियांग की अहम भूमिका है. शिनजियांग में कोयले की खदान से लेकर प्राकृतिक गैस का अपार भंडार है. चीन को उइगर मुसलमान अपनी सत्ता के लिए चुनौती लगते हैं और अपने खिलाफ उठने वाली आवाज को चीन बड़ी ही बेरहमी से कुचल देना चाहता है. संयुक्त राष्ट्र इन कैंपों तक जाने के लिए चीन से कह चुका है इन कैंपों को बंद तक करने की मांग उठ सुकी है लेकिन चीन कान में रुई डाले बैठा है खुद को मुसलमानों का मसीहा कहने वाला पाकिस्तान भी मुंह पर पट्टी बांधे हुए है.