नई दिल्ली: आज से 58 साल पहले भारत और चीन के बीच युद्ध हुआ था. तब चीन ने भारत की जमीन के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया था. इसके बाद भी चीन की भूमाफिया वाली नीयत में कोई सुधार नहीं हुआ है. वो लगातार भारत की जमीन पर अपनी आंख गड़ाए हुए है लेकिन अब चीन ने एक ऐसी साजिश रची है, जिसके लिए उसे ना तो भारत की सीमा में दाखिल होना है और ना युद्ध लड़ना है, इसके बावजूद भारत के कई इलाकों पर उसका कब्जा हो जाएगा? आज करोड़ों भारतीयों का DATA चीन के हाथ में है. चीन की सरकार आपकी एक-एक हरकत की निगरानी कर रही है और ये सब हो रहा है, उन चाइनीज एप्स की वजह से जिनके आप गुलाम हो चुके हैं. चीन का ये App चीन के लिए अदृश्य जासूस की तरह काम कर रहा है.
वीचैट, जिसने भारत में भी अपने कदम जमाने की कोशिश की थी लेकिन उसे इतनी सफलता नहीं मिली क्योंकि यहां वॉट्सएप ने उसका मार्केट नहीं जमने दिया. लेकिन चीन में वीचैट वहां के लोगों की लाइफ लाइन है. WeChat चीन की सबसे ज्यादा लोकप्रिय सोशल मीडिया एप है. 2019 के अंत तक WeChat के चीन और दूसरे देशों में 115 करोड़ एक्टिव यूर्जस थे. WeChat पर हर रोज 45 अरब मैसेज हर रोज भेजे जाते हैं. ये एप चीन की सबसे बड़ी तकनीकी कंपनी Tencent ने 2011 में बनाई थी. शुरुआत में ये सिर्फ एक बेसिक टेक्सटिंग एप थी जैसी वॉट्सएप है लेकिन अब ये चीन के लोगों की लाइफलाइन है. इससे आप एक दूसरे को पैसे भेज सकते हैं, खरीदारी कर सकते हैं, अपने बिल चुका सकते हैं, टैक्सी, फ्लाइट और मूवी टिकट तक बुक करवा सकते हैं और होटल का रूम भी किराए पर ले सकते हैं यानि वीचैट एक ऑल इन वन एप है. अब ये WeChat चीन के लिए जासूसी और सेंसरशिप का एक बहुत बड़ा हथियार भी बन गया है. WeChat वो जिन्न है, जिसका मालिक चीन है. वीचैट के पास आपके मोबाइल के कैमरा और माइक्रोफोन की परमिशन होती है. उसकी पहुंच आपकी एड्रेस बुक और फोटोज तक होती है, वो इस डेटा को कभी भी अपने सर्वर पर कॉपी कर सकता है.
आप जब अपना अकाउंट बनाते हैं, तो उसे आपको सारी जानकारियां देनी होती हैं. 7 मई 2020 की 60 पन्नों की एक रिपोर्ट जिसे कनाडा की टोरंटो यूनिवर्सिटी और सिटिजन लैब ने तैयार किया है, इस पूरी रिपोर्ट में वीचैट की जासूसी का सबूतों के साथ खुलासा किया गया है. इसके मुताबिक WeChat के संदेश चीन में मौजूद सर्वर पढ़ते हैं
- चीन के सर्वर तय करते हैं कि मैसेज डिलीवर होगा या नहीं
- चीन की सरकार के खिलाफ लिखा जाने वाला संदेश डिलीवर नहीं होता
- ऐसा कोई संदेश, वीडियो या फोटो जिसमें चीन के अहित की बात हो, वो WeChat पर नहीं भेजा जा सकता
- WeChat ऐसे संदेशों पर यूजर को चेतावनी भी जारी कर देता है, यानि WeChat पर भेजे जाने वाले हर संदेश की मॉनीटरिंग होती है. खास तौर पर पॉलिटिकली सेसेंटिव टॉपिक्स पर नजर होती है. अगर आप कोई ऐसा जानकारी वीचैट पर शेयर करते हैं तो वो डिलीवर ही नहीं होगी. WeChat पर कुछ चुनिंदा संदेश या तस्वीरें भेजने पर कैसे चीन की सरकार ने सेंसर लगाया हुआ है. चीन के एक यूजर ने एक इंटरनेशनल ग्रुप में एक रिपोर्ट की फोटो भेजी, जिसे चीन के मानवाधिकारों से जुड़े वकीलों ने तैयार किया था लेकिन ये तस्वीर ग्रुप में पहुंची ही नहीं. इसे ब्लॉक कर दिया गया. वो इस चैट में पूछ रहा है कि रिपोर्ट के कवर पेज की फोटोग्राफ मिली तो सामने से जवाब आता है कि नहीं. इस पर साइबर एक्सपर्ट आदित्य जैन का कहना है कि यानी संवेदनशील तस्वीरें, संवेदनशील शब्द और उनके कॉम्बिनेशन सर्वर में पहले ही डाले जाते हैं. जैसे ही इससे मिलता जुलता कोई संदेश सामने आता है, तो उसे रोक दिया जाता है.
चीन दूसरे देशों पर धोखे से जीत हासिल करने के लिए क्या क्या करता है. उसने तकनीक का ऐसा जाल बिछाया हुआ है, जिसके चलते वो दुनिया के हर उस देश के नागरिकों पर नजर रख रहा है, जो उसके लिए रणनीतिक महत्व रखते हैं. हमने भारत सरकार के अधिकारियों से संपर्क किया और पड़ताल में हमें एक भारत सरकार का आंतरिक सर्कुलर मिला जिसमें चीन के दूसरे एप्लिकेशन के साथ वीचैट का नाम भी जासूसी करने और सर्विलांस करने वाले एप्लिकेशन के तौर पर दर्ज था. सरकार की तरफ से सेना और सुरक्षाबलों को इन एप्स को इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी गई है. इस सर्कुलर में लिखा है: चीनी डेवेलपर्स द्वारा बनाई गईं कुछ चाइनीज एप्स जासूसी का काम कर रही हैं. हमारे सुरक्षाबलों द्वारा इन एप्स के इस्तेमाल से डेटा सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है. इन एप्स का इस्तेमाल ऑफिस या निजी मोबाइल फोन में ना हो, और अगर किसी के फोन में ये एप हैं, तो उन्हें तुरंत अन इंस्टॉल कर दिया जाए. उन एप्स की सूची देखिए, जिनका जिक्र इस सर्कुलर में किया गया है और जिनसे डेटा की सुरक्षा या राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है.
WEIBO
WECHAT
SHAREIT
TRUECALLER
UC BROWSER
MI STORE
MI VIDEO CALL
इस तरह से इसमें कुल 42 चीनी एप्स को हटाने के लिए कहा गया है. इनमें से बहुत से एप आपके मोबाइल फोन पर भी होंगे. चीन का ये कब्जा बिना गोली चलाए या सरहद लांघे ही हो रहा है क्योंकि इन एप्स के माध्यम से करोड़ों भारतीयों का मोबाइल डेटा चीन के हाथ में जा रहा है.