Sri Lanka Economic Crisis: श्रीलंका में आर्थिक और राजनीतिक संकट काफी गहरा गया है. श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) के देश छोड़ने के बाद भीड़ हिंसक हो गई है. भारी संख्या में लोग सड़कों पर उतर पड़े हैं. भीड़ को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए. प्रधानमंत्री कार्यालय ने देश में एक बार फिर इमरजेंसी (Sri Lanka Emergency) की घोषणा की है. बुधवार को श्रीलंका में आम लोगों को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के देश छोड़कर मालदीव (Maldives) भागने की सूचना मिली तो उसके बाद लोग और भड़क उठे. सेना और प्रदर्शनकारियों में भी झड़प हुई है.


श्रीलंका (Sri Lanka) में आर्थिक हालात बेहद खराब हो गए हैं. इससे पहले देश में 6 मई को इमरजेंसी की घोषणा हुई थी. अमेरिका ने श्रीलंका में अपने वाणिज्य दूतावास सेवा को फिलहाल बंद कर दिया है.


श्रीलंका में फिर भड़के प्रदर्शनकारी


श्रीलंका में आर्थिक संकट इतना गहरा गया है कि लोगों को हर जरूरत की चीजों के लिए काफी संघर्ष करना पड़ रहा है. ऑयल और बिजली का संकट पहले से ही लोगों को परेशान कर रखा है. महंगाई एकदम चरम पर है. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के देश छोड़ने की खबर के बाद पहले से नाराज प्रदर्शनकारी एक बार फिर से भड़क गए हैं. जानकारी के मुताबिक भारी संख्या में प्रदर्शनकारी देश की संसद और पीएम ऑफिस के पास जमा हुए हैं. आईए जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर श्रीलंका में आर्थिक संकट क्यों है?


श्रीलंका की अर्थव्यवस्था संकट में क्यों?


•श्रीलंका की विदेशी मुद्रा करीब-करीब ख़त्म हो गई है, यानी विदेश से सामान ख़रीदने के लिए अब देश के पास पैसे नहीं हैं. महंगाई चरम पर है.
 
•विदेशी कर्ज़ के बदले तय रकम को चुकाने में श्रीलंका की सरकार नाकाम रही. सरकार इसके लिए कोरोना महामारी को दोष दे रही है. बताया जा रहा है कि कोरोना से पर्यटन पर असर पड़ा. पर्यटन श्रीलंका के राजस्व के लिए अहम हिस्सा रहा है.


•श्रीलंका अब करीब 3 बिलियन डॉलर का आयात करता है, ये निर्यात से काफी अधिक है. आयात-निर्यात में संतुलन बिगड़ने से विदेशी मुद्रा भंडार में काफी कमी आई है. साल 2019 के अंत तक देश में 7.6 बिलियन डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार था. मार्च 2020 तक इसमें काफी गिरावट दर्ज हुई और ये गिरकर 1.93 बिलियन डॉलर तक आ गया.


•राष्ट्रपति राजपक्षे को साल 2019 में टैक्स कटौती से जुड़े फैसले के लिए भारी विरोध का सामना करना पड़ा था. वित्त मंत्री अली साब्री के मानें तो सरकार के इस फैसले की वजह से सालाना 1.4 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ.


• साल 2021 की शुरुआत में श्रीलंका (Sri Lanka ) की विदेशी मुद्रा (Foreign Exchange Reserves) की कमी की वजह से सरकार ने रासायनिक उर्वरकों (Chemical Fertilizers) के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था. किसानों को स्थानीय जैविक उर्वरकों के इस्तेमाल करने के पर जोर दिया गया. इससे बड़े पैमाने पर किसानों की फसल बर्बाद हो गई. 


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