श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में चर्च के पास एक और विस्फोट, राष्ट्रपति ने किया इमरजेंसी का एलान
श्रीलंका की मौजूदा स्थिति को देखते हुए राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना ने इमरजेंसी की घोषणा कर दी है. राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की एक बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया.
कोलंबो: श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में एक और बम धमाका हुआ है. यह धमाका चर्च के नजदीक बम को निष्क्रिय करते वक्त हुआ. आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. आज ही पुलिस को एक बस स्टेशन से 87 बम डेटोनेटर मिले. रविवार को ही श्रीलंका में अलग-अलग आठ धमाके में 310 लोगों की मौत हो गयी थी और 500 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. मरने वालों में आठ भारतीय भी शामिल हैं.
यह सोचकर ही सिहरन दौड़ जाती है कि जिस सेंट एंटनी चर्च के बाहर हम तस्वीरें ले रहे थे,रविवार को हुए हमले के चश्मदीदों से बात कर रहे थे।कुछ घण्टे बाद वहां एक गाड़ी में बम पाया गया।बम डिस्पोजल टीम के उसे नष्ट करने पर भी असर कितना भयावह था यह तस्वीरों में नज़र आता है.@abpnewshi pic.twitter.com/rjrQBTGVLx
— Pranay Upadhyaya (@JournoPranay) April 22, 2019
श्रीलंका की मौजूदा स्थिति को देखते हुए राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना ने इमरजेंसी की घोषणा कर दी है. राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की एक बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया. सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय शोक दिवस की घोषणा की है.
श्रीलंका में सबसे भीषण विस्फोट में रविवार को कोलंबो में सेंट एंथनी चर्च, नेगोंबो में सेंट सेबेस्टियन चर्च और बट्टीकालोआ में जिओन चर्च को निशाना बनाया गया. कोलंबो में तीन फाइव स्टार होटल- शांगरी ला, कीनामोन ग्रैंड और किंग्सबरी में भी विस्फोट हुआ. पुलिस ने अब तक 24 लोगों को गिरफ्तार किया है. अब तक किसी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है.
विस्फोट में नेशनल तौहीद जमात का हाथ हो सकता है. श्रीलंका के एक मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय इंटेलिजेंस एजेंसी के प्रमुख ने 11 अप्रैल से पहले इन हमलों की आशंका को लेकर पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) को आगाह किया था. सेनारत्ने ने कहा, “चार अप्रैल को, अंतरराष्ट्रीय खुफिया एजेंसियों ने इन हमलों को लेकर आगाह किया था. आईजीपी को नौ अप्रैल को सूचित किया गया था.”
उन्होंने कहा कि कट्टर मुस्लिम समूह -नेशनल तौहीद जमात नाम के स्थानीय संगठन को इन घातक विस्फोटों को अंजाम देने के पीछे माना जा रहा है. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि इसके तार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी जुड़े हुए हों.