Sri Lanka Crisis : विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के अनुसार कहा जा रहा है कि श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे अपनी पत्नी के साथ सपरिवार अब सिंगापुर में रहेंगे और आगे मध्य पूर्व की यात्रा नहीं करेंगे. बता दें कि राजपक्षे के दुबई भागने की बात कही जा रही थी. एएनआई की खबर के मुताबिक, श्रीलंका के राष्ट्रपति और उनकी पत्नी, जो सउदिया एयरलाइंस की उड़ान SV788 से सिंगापुर गए थे और उनके जेद्दा की यात्रा करने की उम्मीद थी, लेकिन अब वे सिंगापुर में ही रहेंगे. सऊदी एयरलाइन की उड़ान संख्या एसवी 788 सिंगापुर में उतरी है. समझा जाता है कि इस विमान में श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे सवार हैं.
तो क्या अब सिंगापुर होगा गोटाबाया का नया ठिकाना
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे मालदीव से सिंगापुर पहुंच गए हैं. माना जा रहा है कि सऊदी का एक विमान उन्हें लेकर सिंगापुर पहुंचा है. सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने बताया कि श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को राज्य में प्रवेश की अनुमति दी गई है. वह निजी यात्रा पर सिंगापुर आए हैं. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, राजपक्षे ने न तो शरण मांगी है और न ही उन्हें दी गई है.
डेली मिरर के अनुसार, राजपक्षे, उनकी पत्नी इओमा राजपक्षे और दो सुरक्षा अधिकारियों को कल रात माले से सिंगापुर जाने वाली सिंगापुर एयरलाइंस की उड़ान में सवार होना था, लेकिन सुरक्षा कारणों से वे सभी लोग निर्धारित समय पर नहीं गए और अब वे गुरुवार की शाम सिंगापुर जाएंगे.
राजपक्षे ने अबतक नहीं दिया है इस्तीफा
73 वर्षीय गोटबाया राजपक्षे के आवास पर नौ जुलाई को प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने धावा बोल था जिसके बाद कहा जा रहा था कि राजपक्षे देश छोड़कर भाग गए हैं. वहीं उनके देश में ही छिपे होने की खबर पता चली थी. उसके बाद उन्होंने जनता के विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए घोषणा की थी कि वह बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.
विरोध-प्रदर्शन के बाद लगाया गया था कर्फ्यू
इस्तीफे के ऐलान के बाद राजपक्षे अपनी पत्नी के साथ मालदीव भाग गए. इसके बाद उन्होंने प्रधान मंत्री रानिल विक्रमसिंघे को श्रीलंका के अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में नियुक्त किया और अपना इस्तीफा नहीं सौंपा. ये खबर पता चलते ही प्रदर्शनकारियों ने जमकर बवाल काटा. प्रदर्शन को देखते हुए श्रीलंका में बुधवार को दोपहर 12 बजे से गुरुवार की सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू दिया गया.
श्रीलंका में लोगों का गुस्सा चरम पर है
श्रीलंका आर्थिक संकट को झेल रही जनता का गुस्सा अब चरम पर है. जनता ने विद्रोह कर दिया है. जनता की मांग के बीच प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और उन्हें अभी कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया है. जनता के आक्रोश के बीच देश के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने भी बुधवार 13 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया था, लेकिन इस्तीफा दिए बगैर वे देश छोड़कर मालदीव भाग गए.
इस बीच देश में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं और कर्फ्यू भी लगाया गया था.प्रदर्शनकारी लगातार राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं और देश में सर्वदलीय सरकार बनाने की कवायद की जा रही है. प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि राष्ट्रपति के इस्तीफा देने के बाद वे देश में शांति बहाल करने के उद्देश्य से राष्ट्रपति भवन, राष्ट्रपति सचिवालय और प्रधान मंत्री कार्यालय सहित सरकारी कब्जे वाली इमारतों को शांतिपूर्वक सौंप देंगे.
आर्थिक संकट से जूझ रहा है श्रीलंका
पूरा देश फिलहाल ईंधन और अन्य आवश्यक आपूर्ति की भारी कमी का सामना कर रहा है और बढ़ती मुद्रास्फीति के साथ अपने सबसे खराब आर्थिक संकट की चपेट में है. तेल आपूर्ति की कमी ने स्कूलों और सरकारी कार्यालयों को अगली सूचना तक बंद करने के लिए मजबूर कर दिया है. देश का आर्थिक संकट परिवारों को भूख और गरीबी में धकेल देगा.
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