Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में राजनीतिक संकट के बीच क्या भारत सरकार भेज रही सेना? जानें इंडियन हाई कमिशन का जवाब
Sri Lanka Economic-Political Crisis: भारतीय उच्चायोग ने उन मीडिया रिपोट्स पर प्रतिक्रिया दी है जिनमें दावा किया गया है कि भारत सरकार संकटग्रस्त श्रीलंका में सेना भेजने वाली है.
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Sri Lanka Crisis: श्रीलंका (Sri Lanka) में भारतीय उच्चायोग (Indian High Commission) ने रविवार को नई दिल्ली द्वारा कोलंबो में अपने सैनिकों को भेजने के बारे में "काल्पनिक मीडिया रिपोर्टों" को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है. भारतीय उच्च आयोग ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "उच्चायोग मीडिया (Media) और सोशल मीडिया (Social Media) के वर्गों में भारत द्वारा श्रीलंका में अपनी सेना भेजने की अटकलबाजी वाली खबरों का स्पष्ट रूप से खंडन करना चाहेगा. ये रिपोर्ट और इस तरह के विचार भी भारत सरकार की स्थिति के अनुरूप नहीं हैं."
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा है क्योंकि वे लोकतांत्रिक साधनों और मूल्यों, स्थापित संस्थानों और एक संवैधानिक ढांचे के माध्यम से समृद्धि और प्रगति के लिए अपनी आकांक्षाओं को साकार करना चाहते हैं. उन्होंने आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को भारत की भारत की तरफ से दी गई वित्तीय सहायता का भी उल्लेख किया.
राष्ट्रपति आवास में जमे हैं प्रदर्शनकारी
इस बीच राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) के इस्तीफ की पेशकश के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने श्रीलंका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास पर कब्जा करना जारी रखा है.
राष्ट्रपति आवास पर प्रदर्शनकारियों ने बोल दिया धा धावा
बता दें शनिवार को प्रदर्शनकारियों (Protesters) ने मध्य कोलंबो (Colombo) के कड़ी सुरक्षा वाले फोर्ट इलाके में राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास में धावा बोल दिया था. वह राष्ट्रपति राजपक्षे के इस्तीफे की मांग कर रहे थे. राष्ट्रपति आवास (Presidential Residence) में जनता घुस जाने के बाद राजपक्षे ने घोषणा की थी कि वह इस्तीफा दे देंगे.
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