Sri Lanka Economic Crisis: श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) ने आज ईंधन, गैस और आवश्यक खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने के लिए राहत कार्यक्रम लागू करने का निर्णय लिया है. रानिल विक्रमसिंघे ने आज सुबह मंत्रियों और सांसदों के साथ चर्चा के बाद, आर्थिक दबाव के कारण संघर्ष कर रहे लोगों को ईंधन (Fuel), गैस (Gas) और आवश्यक खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने के लिए एक तत्काल राहत कार्यक्रम को लागू करने का निर्णय लिया है. श्रीलंकाई पीएम मीडिया डिवीजन ने इस बात की जानकारी दी. 


इसके अलावा, अगस्त में पेश होने वाले राहत बजट से इसके लिए अतिरिक्त धन का उपयोग करने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम में तेजी लाने की भी सलाह दी. व्यवसायियों को बिना किसी बाधा के व्यवसाय चलाने के लिए आवश्यक वातावरण तैयार करने के लिए योजनाएं बनाई गई हैं. इस बीच, कार्यवाहक राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों द्वारा सौंपी गई योजना को एक अच्छी योजना के रूप में मान्यता दी गई है और वह भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए किए जा रहे उपायों के बारे में कार्यकर्ताओं को सूचित करेंगे. 


बीते दिन संभाला था कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में पदभार 


इससे पहले बीते दिन श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफा देने के बाद कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण किया था. कार्यभार संभालने के बाद ने रानिल विक्रमसिंघे दो बड़े निर्णय लिए थे. उन्होंने राष्ट्रपति को संबोधित करने के लिए 'महामहिम' के इस्तेमाल पर रोक लगा दी. उन्होंने राष्ट्रपति ध्वज को भी समाप्त कर दिया था. रिपोर्टों के अनुसार, ध्वज श्रीलंका के प्रत्येक राष्ट्रपति के लिए व्यक्तिगत है क्योंकि जब कोई नया राष्ट्रपति पद ग्रहण करता है तो ध्वज का डिजाइन बदल जाता है. 


श्रीलंका गुजर रहा बेहद बुरे दौर से


बता दें कि, पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) गुरुवार को अपनी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद सिंगापुर पहुंचे थे. इसके बाद उन्होंने स्पीकर को अपना त्याग पत्र भेजा था. श्रीलंका एक अभूतपूर्व आर्थिक उथल-पुथल की चपेट में है, जो सात दशकों में सबसे खराब है, जिससे लाखों लोग भोजन, दवा, ईंधन और अन्य आवश्यक चीजें खरीदने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe ) जिन्होंने पहले पीएम पद से इस्तीफा देने का वादा किया था, उन्हें अब कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया है. 


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