Sri New President: श्रीलंका में आर्थिक संकट को लेकर सरकार के खिलाफ मचे बवाल के बाद राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) ने 13 जुलाई को इस्तीफा देने की घोषणा की थी. अब श्रीलंका की संसद (Sri Lankan Parliament) 20 जुलाई को नए राष्ट्रपति का चुनाव करेगी, जो गोटाबाया राजपक्षे का स्थान लेंगे. संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने ने सोमवार को इसकी घोषणा की. ये फैसला आज सभी दलों के नेताओं की हुई एक अहम बैठक के दौरान लिया गया.
राष्ट्रपति राजपक्षे ने अभी तक औपचारिक रूप से इस्तीफा नहीं दिया है. हालांकि उन्होंने शनिवार को अध्यक्ष को सूचित किया था कि वह 13 जुलाई को पद छोड़ देंगे. प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने भी कहा है कि नयी सरकार बनने के बाद वह भी पद छोड़ देंगे.
20 जुलाई को संसदीय मतदान होगा
अभयवर्धने ने कहा कि राजपक्षे का बुधवार को इस्तीफा मिलने के बाद, रिक्ति की घोषणा के लिए 15 जुलाई को संसद की बैठक बुलायी जाएगी और नामांकन स्वीकार करने के लिए 19 जुलाई को फिर संसद की बैठक होग. उन्होंने कहा कि नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए 20 जुलाई को संसदीय मतदान होगा. राजपक्षे शनिवार को जनविद्रोह के बाद पार्टी नेताओं के इस्तीफे के अनुरोध को स्वीकार करते हुए पद छोड़ने के लिए तैयार हो गए.
क्या कहता है श्रीलंका का संविधान?
श्रीलंका के संविधान के तहत, यदि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों ही इस्तीफा दे देते हैं, तो संसद अध्यक्ष अधिकतम 30 दिनों तक कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में काम करेंगे. संसद 30 दिनों के भीतर अपने सदस्यों में से किसी एक का चुनाव करेगी, जो राष्ट्रपति गोटबाया के वर्तमान कार्यकाल के बाकी दो साल के लिए पदभार संभालेंगे.
खराब दौर से गुजर रहा श्रीलंका
श्रीलंका आर्थिक उथल-पुथल का सामना कर रहा है. 2.2 करोड़ लोगों की आबादी वाला देश सात दशकों में सबसे खराब दौर से गुजर रहा है. श्रीलंका (Sri Lanka Economic Crisis) में विदेशी मुद्रा की भारी कमी है, जिससे देश ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं के जरूरी आयात के लिए भुगतान कर पाने में असमर्थ हो गया है. इन हालात के बीच जनता सड़कों पर है और देश में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर रखा है. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) के निजी आवास में आग भी लगा दी थी.
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