Sri Lanka Crisis: श्रीलंकाई सेना प्रमुख की लोगों से शांति बनाए रखने की अपील, अब तक चार कैबिनेट मंत्रियों ने दिया इस्तीफा
Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में बेकाबू होते जा रहे हालातों को लेकर श्रीलंकाई सेना प्रमुख ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. इसी बीच आज एक और कैबिनेट मंत्री ने इस्तीफा दे दिया है.
Sri Lanka Army Chief Appeal: श्रीलंका में सरकार के खिलाफ लोगों को प्रदर्शन लगातार जारी है. देश के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) के इस्तीफा देने की घोषणा के बाद भी बवाल थम नहीं रहा है. प्रदर्शनकारियों का राष्ट्रपति भवन पर कब्जा जारी है. इसी बीच श्रीलंका के सेना प्रमुख जनरल शैवेंद्र सिल्वा (General Shavendra Silva) ने लोगों से शांति बनाए रखने के लिए समर्थन मांगा है.
श्रीलंकाई सेना प्रमुख जनरल शैवेंद्र सिल्वा ने रविवार को कहा कि मौजूदा राजनीतिक संकट को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने का अवसर अब उपलब्ध है. उन्होंने देश में शांति बनाए रखने के लिए लोगों से अपील भी की. उन्होंने सभी श्रीलंकाई लोगों से देश में शांति बनाए रखने के लिए सशस्त्र बलों और पुलिस का समर्थन करने का अनुरोध किया. शनिवार को गाले फेस एंड फोर्ट और प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे के निजी आवास में हुई हिंसा के बाद सेना प्रमुख का बयान सामने आया है.
राजपक्षे कैबिनेट से एक और मंत्री का इस्तीफा
वहीं इसी बीच आज एक और कैबिनेट मंत्री ने इस्तीफा दे दिया. धम्मिका परेरा ने आज निवेश संवर्धन मंत्री का पद छोड़ दिया. अशांति के बीच पिछले दो दिनों में हरिन फर्नांडो, मानुषा नानायकारा और बंडुला गुणवर्धन के बाद वह कैबिनेट से इस्तीफा देने वाले चौथे मंत्री हैं.
बीते दिन शुरू हुआ था बवाल
गौरतलब है कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर हजारों प्रदर्शनकारी शनिवार को राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास में घुस गए थे. वहीं प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के इस्तीफे की पेशकश के बाद भी उनके घर में आग लगा दी गई थी.
13 जुलाई को पद छोड़ेंगे राष्ट्रपति
विरोध के बाद, राष्ट्रपति राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) ने संसद अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने को सूचित किया कि वह 13 जुलाई को पद छोड़ देंगे. जबकि प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) ने कहा कि जैसे ही सर्वदलीय सरकार सत्ता संभालने के लिए तैयार होगी, वह इस्तीफा दे देंगे. राजपक्षे के इस्तीफा देने के बाद अध्यक्ष कार्यवाहक अध्यक्ष बनेंगे. बाद में नए राष्ट्रपति को चुनने के लिए सांसदों के बीच चुनाव कराया जाएगा.
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