(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Sri Lanka Crisis: श्रीलंका के हालात पर IMF ने जताई चिंता, कहा- आर्थिक संकट को जल्द दूर करने की कोशिश होगी
Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में चल रहे उपद्रव और राजनीतिक हलचल के बीच IMF ने कहा है कि वह घटना पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. आर्थिक स्थिति सुधारने का जल्द ही कोई समाधान निकाला जाएगा.
Sri Lanka Crisis: आर्थिक संकट (Inflation) से जूझ रहे श्रीलंका में शनिवार को आम नागरिकों का गुस्सा फूट पड़ा. सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए लोगों ने जमकर उत्पात मचाया, लोगों की मांग थी कि जो सरकार आसमान छूती महंगाई पर लगाम नहीं लगा सकती, भूख से तड़प रही जनता का पेट नहीं भर सकती, उस सरकार के रहने का क्या मतलब. लोगों का गुस्सा देखते हुए राष्ट्रपति गोटाबाया (Gotabaya Rajpaksha) भाग खड़े हुए. बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और फिर राष्ट्रपति गोटाबाया भी 13 जुलाई को इस्तीफा देने को तैयार हो गए हैं. अब श्रीलंका में सर्वदलीय सरकार बनाने की कवायद शुरू हो गई है.
श्रीलंका में जारी इस तमाम घटनाक्रम पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) ने अपना बयान दिया है. कहा है कि हम श्रीलंका में चल रहे घटनाक्रमों की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और मौजूदा स्थिति के समाधान की उम्मीद करते हैं. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष समर्थित कार्यक्रम पर बातचीत को फिर से शुरू करने की अनुमति देंगे और आर्थित संकट से जूझ रहे लोगों की मदद करेंगे.
IMF ने कहा- हम ऐसी स्थिति देखकर चिंतित हैं
आईएमएफ (International Monetary Fund) के वरिष्ठ मिशन प्रमुख पीटर ब्रेउर और मिशन प्रमुख मासाहिरो नोजाकी ने ने रविवार को दिए अपने बयान में कहा, "हम लोगों, विशेष रूप से गरीब और कमजोर समूहों पर चल रहे आर्थिक संकट के प्रभाव के बारे में गहराई से चिंतित हैं और अपनी नीतियों के अनुरूप इस कठिन समय में श्रीलंका का समर्थन करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं."
आईएमएफ ने आगे कहा कि वह वित्त मंत्रालय और सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका में अपने समकक्षों के साथ तकनीकी चर्चा जारी रखेगा. उसे उम्मीद है कि जल्द ही राजनीतिक संकट खत्म होगा, जिसके बाद बेलआउट डील पर बातचीत शुरू होगी. बता दें कि श्रीलंका में जुलाई या अगस्त में अंतरिम बजट भी आने वाला था.
श्रीलंका को फिलहाल 4 बिलियन डॉलर चाहिए
बता दें कि श्रीलंका 1948 में ब्रिटेन से आजादी के बाद से सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है. श्रीलंका को विदेशी मुद्रा भंडार में आई कमी से निपटने के लिए कम से कम 4 बिलियन डॉलर तुरंत चाहिए. श्रीलंका विदेशी मुद्रा खत्म होने के कारण पेट्रोल-डीजल, खाना और दवा जैसे आम लोगों कि जरूरी सामान भी दूसरे देशों से आयात नहीं कर पा रहा है, जिस वजह से आम लोगों का जीना दूभर हो गया है.
क्या है आईएमएफ (International Monetary Fund)
आईएमएफ (International Monetary Fund) एक अन्तरराष्ट्रीय संस्था है, जो अपने सदस्य राष्ट्रों की वैश्विक आर्थिक स्थिति पर दृष्टि रखने का कार्य करती है. यह अपने सदस्य देशों को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करती है. यह संगठन अन्तरराष्ट्रीय विनिमय दरों को स्थिर रखने के साथ-साथ विकास को सुगम करने में सहायता करती है.
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