श्रीलंका की आर्थिक हालत काफी खराब हो गई है. देश आजादी के बाद से सबसे खराब आर्थिक मंदी से गुजर रहा है. यहां तक कि बहुत जरुरी आयात के लिए भुगतान करने के लिए फॉरेन करेंसी की काफी कमी है. ईंधन संकट काफी गहरा गया है. पेट्रोल और डीजल की काफी कमी है. बिजली संकट से भी देश को गुजरना पड़ रहा है. गुरुवार को पूरे श्रीलंका में डीजल की बिक्री नहीं की गई है. बिजली की समस्या होने से लोगों को ब्लैक आउट का सामना करना पड़ रहा है. संकटग्रस्त देश के करीब 22 मिलियन लोग काफी प्रभावित हुए हैं. बिजली ब्लैकआउट की वजह लोगों के सामने कई समस्याएं आ रही हैं. ईंधन की कमी होने से ट्रांसपोर्ट व्यवस्था चरमरा गई है.


श्रीलंका में ईंधन संकट


बताया जा रहा है कि दक्षिण एशियाई देश आजादी के बाद से सबसे खराब आर्थिक मंदी से गुजर रहा है. अधिकारियों और मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक बसों और अन्य कमर्शियल गाड़ियों के लिए मुख्य ईंधन डीजल पूरे द्धीप के स्टेशनों पर उपलब्ध नहीं था. पेट्रोल की बिक्री तो की जा रही थी लेकिन सप्लाई काफी कम था. मोटर गाड़ियों के ड्राइवरों को लंबी कतारों में अपनी कारों को छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा. देश के परिवहन मंत्री दिलुम अमुनुगामा ने कहा कि मरम्मत के लिए गैरेज में मौजूद बसों से ईंधन निकाले जा रहे हैं ताकि उस डीजल का इस्तेमाल जरुरी वाहनों के संचालन के लिए किया जा सके. कुछ निजी बस संचालक डीजल के पुराने स्टॉक का इस्तेमाल कर रहे हैं.


बिजली कटौती से जनजीवन अस्त-व्यस्त


स्टेट इलेक्ट्रिसिटी कहा है कि गुरुवार से 13 घंटे की बिजली कटौती लागू करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है. सीलोन बिजली बोर्ड के अध्यक्ष एम एम सी फर्डिनेंडो ने मीडिया से कहा कि दो दिनों में ईंधन सप्लाई का वादा किया गया है और अगर ऐसा होता है, तो हम बिजली कटौती की अवधि को कम कर सकते हैं. वही काफी देर तक बिजली कटौती ने कोलंबो स्टॉक एक्सचेंज को अपने व्यापार को आधे से दो घंटे तक सीमित करने के लिए मजबूर किया. वही कई कर्मचारियों को दफ्तर न आने के लिए कहा गया है. वही महंगाई से लोगों का हाल बेहाल है.


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