Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में कर्मचारियों की सैलरी तक के पैसे नहीं - सरकार छापेगी नए नोट, एयरलाइंस को बेचने की भी तैयारी
Sri Lanka Economic Crisis: श्रीलंका में सरकार के पास इतना भी पैसा नहीं बचा है कि वो अपने सरकारी कर्मचारियों को सैलरी दे पाए. इसीलिए नए नोट छापने का फैसला लिया गया है.
Sri Lanka Economic Crisis: श्रीलंका में हिंसक प्रदर्शन के बाद अब नई सरकार का गठन हो चुका है. लेकिन आर्थिक हालात अब भी ठीक नहीं हैं. सरकार की कोशिश है किसी भी तरह अर्थव्यवस्था को एक बार फिर पटरी पर लाया जाए. इसके लिए सरकार ने कुछ योजनाओं पर काम करना भी शुरू कर दिया है. इसके लिए नई करेंसी छापी जाएगी और एयरलाइंस को भी बेचने का फैसला लिया गया है.
कर्मचारियों को सैलरी तक के पैसे नहीं
श्रीलंका में सरकार के पास इतना भी पैसा नहीं बचा है कि वो अपने सरकारी कर्मचारियों को सैलरी दे पाए. इसीलिए नए नोट छापने का फैसला लिया गया है. साथ ही बताया गया है कि, सरकार राष्ट्रीय एयरलाइन को भी बेचने का मन बना चुकी है, प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने इससे पहले देश को संबोधित करते हुए कहा था कि नई सरकार की श्रीलंकन एयरलाइंस के निजीकरण की योजना है.
एयरलाइंस को बड़ा नुकसान
आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के पीएम विक्रमसिंघे ने अपने संबोधन में कहा था कि, ‘इकनॉमी नेक्स्ट’ वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्ववर्ती प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के अमीरात को एयरलाइन के प्रबंध शेयरधारक के रूप में हटाने के बाद श्रीलंकाई एयरलाइंस को बड़ा नुकसान हुआ है. विक्रमसिंघे ने श्रीलंका की अर्थव्यवस्था के समक्ष मौजूद चुनौतियों से निपटने के लिए कुछ उपायों की घोषणा करते हुए कहा, “सिर्फ 2020-21 के साल में ही इसका घाटा 45 अरब रुपये था. मार्च, 2021 तक इसका कुल घाटा 372 अरब रुपये हो चुका था.”
पीएम ने दी थी फंड जुटाने की जानकारी
राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में विक्रमसिंघे ने कहा कि श्रीलंका की समुद्री सीमा में मौजूद पेट्रोल, कच्चे तेल, भट्ठी तेल की खेपों का भुगतान करने के लिए खुले बाजार से अमेरिकी डॉलर जुटाये जायेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘मैं खतरनाक चुनौती ले रहा हूं, मैंने नुकीले कील वाले जूते पहन रखे हैं , जिन्हें नहीं हटाया जा सकता है.मैं अपने देश की खातिर यह चुनौती स्वीकार कर रहा हूं. मेरा लक्ष्य और समर्पण किसी व्यक्ति, परिवार या पार्टी को बचाना नहीं है . मेरा उद्देश्य इस देश के सभी लोगों एवं अपनी भावी पीढ़ी के भविष्य को बचाना है.’’
उन्होंने चेतावनी दी कि अगले दो महीने इस वर्तमान आर्थिक संकट में सबसे मुश्किल भरे होंगे. उन्होंने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा, ‘‘ अगले एक-दो महीने हमारे जीवन में सबसे कठिन होंगे. हम कुछ कुर्बानियां देने और इस काल की चुनौतियों का सामना करने के लिए अपने आप को तैयार करना चाहिए.’’ विक्रमसिंघे ने कहा कि फिलहाल श्रीलंका की अर्थव्यवस्था बहुत जोखिम पूर्ण स्थिति में है और देश को जरूरी सामानों के लिए लगी कतारों में कमी लाने के लिए अगल दो-चार दिनों में 7.5 करोड़ डॉलर हासिल करना होगा.
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