Sri Lanka President Election: श्रीलंका में आर्थिक और सियासी संकट बरकरार है. इस बीच देश में नए राष्ट्रपति के चुनाव (President Election) के लिए मतदान हो रहा है. गोटाबाया राजपक्षे के सिंगापुर भागने और इस्तीफा देने के बाद रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) को कार्यवाहक राष्ट्रपति (Acting President) बनाया गया था. श्रीलंका में राष्ट्रपति (Sri Lanka President) की कुर्सी पर बैठने के लिए रानिल विक्रम सिंघे और डल्लास अलाहोप्पेरुमा के बीच कड़ा संघर्ष है. देश के सांसद राष्ट्रपति का चुनाव कर रहे हैं.


श्रीलंका में राष्ट्रपति पद को लेकर चुनाव में विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा पहले ही अपना नाम वापस ले चुके हैं. श्रीलंका में गोटाबाया राजपक्षे के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन हुआ था और उन पर इस्तीफा देने का काफी दबाव बनाया गया था. उन पर देश की अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन के आरोप हैं.


कौन होगा श्रीलंका का राष्ट्रपति?


श्रीलंका में हो रहे राष्ट्रपति चुनाव के लिए कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे समेत कई उम्मीदवार हैं. 73 वर्षीय कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को राजपक्षे की एसएलपीपी का समर्थन प्राप्त है, जो 225 सदस्यीय संसद में सबसे बड़ी पार्टी है. पर्यवेक्षकों का मानना ​​है कि अगर विक्रमसिंघे जीत जाते हैं तो वह उन प्रदर्शनकारियों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे, जिन्होंने उन पर राजपक्षे के हितों की रक्षा करने का आरोप लगाया है.


डल्लास अलाहोप्पेरुमा


रानिल विक्रमसिंघे के मुख्य प्रतिद्वंद्वी एसएलपीपी के असंतुष्ट नेता और पूर्व शिक्षा मंत्री डल्लास अलाहोप्पेरुमा (Dullas Alahapperuma) हैं. जो विपक्ष द्वारा समर्थित एक पूर्व पत्रकार हैं. ऐसा माना जा रहा है कि अगर डल्लास जीतते हैं तो 63 वर्षीय विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा को प्रधानमंत्री के रूप में नामित किया जा सकता है. बता दें कि प्रेमदासा ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली और कहा कि वह अल्हाप्परुमा का समर्थन कर रहे हैं.


अनुरा दिसानायके


श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव में तीसरे उम्मीदवार 53 वर्षीय अनुरा दिसानायके (Anura Dissanayake) हैं, जो वामपंथी पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट के नेता हैं, जिनके गठबंधन के पास तीन संसदीय सीटें हैं. अनुरा ने इससे पहले देश के कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य किया है. अनुरा दिसानायके कृषि, पशुधन, भूमि और सिंचाई मंत्री रहे हैं.


श्रीलंका में हालात बेहद खराब


गौरतलब है कि श्रीलंका में आर्थिक और राजनीतिक संकट (Sri Lanka Economic Crisis) के बीच बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बाद गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) देश छोड़कर भाग गए थे. उनके राष्ट्रपति पद से हटने के बाद प्रधान मंत्री रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) को संकटग्रस्त देश का कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया था. श्रीलंका में इमरजेंसी के बीच भोजन, ईंधन और दवाओं की भारी किल्लत है. महंगाई चरम पर है और 22 मिलियन लोग भोजन और ईंधन सहित बुनियादी आपूर्ति की कमी का सामना कर रहे हैं.


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