सोने की लंका हुई कंगाल, खजाना खाली, जीना मुहाल! सरकार के खिलाफ तेज हुआ विरोध प्रदर्शन
भारत का एक पड़ोसी पाकिस्तान अगर सियासी संग्राम में फंसा है, तो दूसरे पड़ोसी यानी श्रीलंका में कंगाली से कोहराम मचा है.
श्रीलंका में कंगाली से कोहराम मचा है. आर्थिक संकट से परेशान देश के सभी 26 मंत्रियों का इस्तीफा हो चुका है. देश के ऊपर अरबों रुपये का कर्ज है. कर्ज चुकाने के लिए पैसे नहीं हैं. लोग महंगाई से त्रस्त हो रहे हैं. एक तरफ तो जरूरी चीजों की भारी किल्लत है और जहां थोड़ा बहुत सामान मिल भी रहा है, वहां कीमते आसमान छू रही हैं. श्रीलंका सरकार के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन का सिलसिला और तेज हो गया है. राष्ट्रपति राजपक्षे ने इस्तीफा देने से साफ इनकार कर दिया है. सवाल ये है कि सोने की लंका क्यों सुलग रही है, कैसे श्रीलंका कंगाली की इस कगार पर पहुंचा.
अस्पतालों में बिजली ठप है. बिजली की कमी से हालात ये हो गए हैं कि मरीजों की जरूरी सर्जरी भी नहीं हो पा रही है, कागज की किल्लत के कारण परीक्षाएं रद्द की जा रही है, तेल की कमी से रेल-बस नेवर्क ठप हो गया है, जिससे देशभर की सप्लाई चेन टूट गई है, ईंधन की कमी से घरों के चूल्हे बंद हो चुके हैं और खाने-पीने की चीजों की किल्लत ऐसी हो गई है कि दुकानों में लूटपाट होने लगी है.
कंगाली में महंगाई का वार
- चावल 250/kg
- गेहूं 200/kg
- चीनी 250/kg
- नारियल तेल 900/लीटर
- मिल्क पाउडर 2000/kg
देश की इस हालत के लिए लोग सिर्फ और सिर्फ सरकार को जिममेदार मान रहे हैं. लोगों का कहना है कि सरकार की गलती नीतियों के कारण ही देश की ये हालत हुई है. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, 'हम नहीं चाहते कि राजपक्षे परिवार देश को तबाह करे....राजपक्षे परिवार इस देश के लिए कैंसर है. हम शांतिपूर्ण देश हैं. सारे पैसे चुरा लिए गए हैं 90 बिलियन रुपये है. हमारे पैसे हैं हम उन्हें देश को बर्बाद नहीं करने देंगे.'
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श्रीलंका की सरकार के परिवारवाद को जिम्मेदार मान रहे लोग
देश की इस कंगाली, विरोध प्रदर्शन के बाद अब सरकार पर दबाव बढ़ गया है, इसलिए अब श्रीलंका सरकार में इस्तीफों का दौर तेज हो गया है. राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री को छोड़कर पूरी कैबिनेट ने इस्तीफा दे दिया. इस्तीफा देने वालों में प्रधानमंत्री का बेटा भी शामिल है. ये इस्तीफे देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शन के कारण हुए हैं, लोगों का गुस्सा देश की आर्थिक बर्बादी के खिलाफ है, जिसके लिए श्रीलंका की सरकार के परिवारवाद को लोग जिम्मेदार मान रहे हैं. क्योंकि श्रीलंका सरकार के पांच बड़े चेहरे राजपक्षे परिवार से ही हैं.
राजपक्षे परिवार की 'सरकार'
- राष्ट्रपति- गोटबाया राजपक्षे
- प्रधानमंत्री- महिंद्रा राजपक्षे
- वित्त मंत्री- बासिल राजपक्षे
- उप रक्षामंत्री- चमल राजपक्षे
- खेल मंत्री- नमल राजपक्षे
श्रीलंका की जनता कंगाली के लिए राजपक्षे परिवार को दोषी मान रही है. लोगों का कहना है कि राजपक्षे परिवार ने अपने फायदे के कारण देश को इस हालत में पहुंचा दिया है. हालात ये हैं कि अब श्रीलंका के लोग भारत से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
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