श्रीलंका में गंभीर आर्थिक संकट के बीच विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है. देश में प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के विरोध में श्रीलंका के राष्ट्रपति सचिवालय के बाहर राजधानी कोलंबो के मुख्य समुद्र तट गाले फेस पर भारी भीड़ जमा हो गई है. प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाया है. आंदोलनकारियों का कहना है कि सरकार तानाशाह और भाई-भतीजावाद से भरी हुई है. सालों तक राजपक्षे सरकार ने हमसे पैसा लिया. हम इस अत्याचार से बीमार और थके हुए हैं क्योंकि यहां बहुत अधिक भाई-भतीजावाद है. प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे भाई हैं और हम चाहते हैं कि वे यहां से चले जाएं क्योंकि हमें अपने देश में कोई समृद्धि नहीं दिख रही है. 


कोलंबो में सराकर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी


प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक राजपक्षे सरकार है तब तक देश की अर्थव्यवस्था ठीक नहीं हो सकती है. कई जातियों के लोग अत्याचारी गोटबाया राजपक्षे के विरोध में यहां आए हैं. ये लोग नहीं जानते कि देश कैसे चलाना है क्योंकि उनकी कोई योजना नहीं है. सरकार केवल भ्रष्टाचार करना जानती है. प्रदर्शनकारियों ने आगे कहा कि हम चाहते हैं राजपक्षे जेल जाएं. देश में जो भी अशांति फैली है वो सब उनकी गलती की वजह से है. हम इससे बाहर निकलना चाहते हैं.


उम्मीद है कि हमारी राजनीतिक व्यवस्था बदल जाएगी. विरोध स्थल पर एक 14 वर्षीय बच्चे ने भी देश को बर्बाद करने के लिए वर्तमान सरकार की आलोचना की. प्रदर्शनकारियों में शामिल कुछ बच्चों ने कहा कि हमारे पास बहुत सारी कल्पनाएं और सपने हैं लेकिन इन हालातों में कुछ हासिल नहीं कर सकते. राजपक्षे की सरकार ने देश को बर्बाद कर दिया है. हम इसके खिलाफ है. हम अपने देश में भविष्य चाहते हैं.


राजनीतिक व्यवस्था में बदलाव की मांग


उग्र प्रदर्शनकारियों ने राजनीतिक व्यवस्था में बदलाव की मांग की और अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति के लिए राजपक्षे को जिम्मेदार ठहराया. नाराज लोगों ने मांग करते हुए कहा कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को कैद किया जाना चाहिए और उनकी संपत्ति जब्त की जानी चाहिए. धरना स्थल पर मौजूद लोग हाथों में तख्तियां लिए हुए थे जिन पर सरकार विरोधी नारे लिखे हुए थे. कोलंबो के गाले फेस ग्रीन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन जारी है. श्रीलंका स्वतंत्रता के बाद से भोजन और ईंधन की कमी, बढ़ती कीमतों और बिजली कटौती के साथ अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. लोग महंगाई से काफी परेशान हैं.


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